अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को चुनौती देने के लिए कथिततौर पर अमरुल्लाह सालेह की अगुवाई में निर्वासित सरकार का गठन हुआ है। सालेह इस सरकार के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए गए हैं। उन्होंने अभी तक नॉर्दर्न एलायंस के साथ मिलकर पंजशीर से तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था।
स्विट्जरलैंड में अफगान दूतावास द्वारा जारी एक बयान के हवाले से, खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व वाली निर्वासित सरकार अफगानिस्तान में एकमात्र ‘वैध सरकार’ है। तालिबान की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि कोई भी अन्य सरकार वैध सरकार को स्थानांतरित नहीं कर सकती।
बयान में बताया गया कि अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद निर्वासित सरकार का गठन लंबे परामर्श के बाद हुआ है ताकि तालिबान को चुनौती दी जा सके।निर्वासित सरकार सालेह के नेतृत्व में काम करेगी। वह कार्यपालिका और न्यायपालिका को साथ लेकर चलेंगे।
"After the escape of Ashraf Ghani and his rupture with Afghan politics, his first vice-president (Amrullah Saleh) will be leading the country," the statement said.#munsifdigital #afghanistan #govt_in_exile https://t.co/LJa8uQNyL6
— The Munsif Daily (@munsifdigital) September 30, 2021
मालूम हो कि इस बयान में अमरुल्लाह सालेह के अलावा और किसी सदस्य के बारे में नहीं बताया गया है। लेकिन, ये पता है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमरुल्लाह सालेह अफगान के कुछ रक्षा बलों के साथ पंजशीर चले गए थे और वहीं से तालिबान का विरोध कर रहे थे।
अशरफ गनी प्रशासन के राजनीतिक नेताओं द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान इस्लामिक गणराज्य के सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावास दिन-प्रतिदिन के संचालन को जारी रखेंगे।
बता दें कि अफगानिस्तान को लेकर यह निर्णय उस समय सुनाया गया है जब तालिबानी सरकार को बने करीबन एक माह होने वाला है। तालिबानी सरकार का नेतृत्व मुल्ला अखुंद कर रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे आतंकी भी सरकार का हिस्सा हैं जिन्हें ओबामा सरकार में छोड़ा गया था। कुछ दिन पहले तालिबान ने अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई रोहुल्ला को तड़पा-तड़पा कर मार डाला था। उन्हें कोड़े मारते हुए उनका गला रेता गया था।