हिंदू विरोधी और इस्लामवादियों से सहानुभूति रखने वाले लेस्टर विश्वविद्यालय में हेट क्राइम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. क्रिस एलन (Professor Dr. Chris Allen) को हालिया हिंसा की ‘स्वतंत्र जाँच’ करने के लिए नियुक्त किया गया था। लेस्टर के मेयर पीटर सोलस्बी ने उन्हें इसके लिए चुना था, लेकिन स्थानीय हिंदुओं द्वारा आपत्ति जताने के बाद एलन ने अपना पद छोड़ दिया है।
दरअसल, पीटर सोलस्बी ने 26 अक्टूबर 2022 को लेस्टर हिंसा की स्वतंत्र जाँच के लिए एलन की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन इसके 24 घंटों के भीतर ही स्थानीय पार्षदों, स्थानीय हिंदू संगठनों और सोशल मीडिया पर इस निर्णय की काफी आलोचना की गई। इसके बाद क्रिस एलन ने अपने पद से हटने का फैसला किया। एलन ने कहा कि उन्हें अब विश्वास नहीं है कि वह वर्तमान माहौल में इस मामले की निष्पक्ष जाँच कर सकते हैं।
डॉ. एलन ने कहा, “मैंने इस पद से हटने का निर्णय लिया है, क्योंकि मुझे अब विश्वास नहीं है कि मैं और मेरी टीम इस मामले की जाँच करने में सक्षम हैं और अकेडमिक जाँच के आवश्यक मापदंडों को पूरा कर सकेंगे।” प्रोफेसर एलन ने यह भी दावा किया कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों या नफरत के जवाब में उन्होंने पद नहीं छोड़ा है।
वह कहते हैं, “ये बताना जरूरी है कि मेरा निर्णय पिछले हफ्ते मेरे खिलाफ फैलाई गई नफरत या सोशल मीडिया पर लगाए गए झूठे आरोपों के जवाब में नहीं है।” लेस्टर हिंसा को लेकर निष्पक्ष जाँच की शुरुआत करने वाले मेयर पीटर सोलस्बी का कहना है कि वह इस निर्णय को समझते हैं और इस जाँच को आगे बढ़ाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को नियुक्त करने की कोशिश करेंगे, जिस पर सभी संबंधित पक्षों का विश्वास हो।
पीटर ने कहा, “मुझे लगता है कि जाँच के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इस बात पर ध्यान देना होगा कि क्या कोई व्यक्ति या संगठन इसे इस तरह से आगे ले जा सकता है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों का विश्वास हो।” दरअसल, इस विवादास्पद नियुक्ति के पीछे लेस्टर के मेयर पीटर सोलस्बी हैं, जो नियुक्ति से पहले इस्लामवादी माजिद फ्रीमैन से मिले थे, जिसने हिंदू समुदाय के खिलाफ दंगे भड़काए थे।
नियुक्ति के बाद एलन ने ट्वीट में लिखा था, “मुझे आज पूर्वी लेस्टर हिंसा की स्वतंत्र जाँच के लिए नियुक्त किया गया है। यह मेरे लिए व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से एक बड़ा सम्मान है।” क्रिस एलन की नियुक्ति की खबर के तुरंत बाद 15 हिंदू संगठनों ने इस जाँच का बहिष्कार किया। हिंदू संगठनों ने मेयर पीटर सोलस्बी के निर्णय को लेकर विश्वास नहीं जताया, क्योंकि उन्होंने इससे पहले हिंदुओं को लेस्टर हिंसा का दोषी ठहराया था।
The right response to a Labour council that has legitimised and aided the Islamist agitators who have been causing trouble in Leicester.
— habibi (@habibi_uk) October 28, 2022
The Labour party doesn’t care at all. It just looks away. pic.twitter.com/lpz8d7FXik
हार्बरो के सांसद नील ओ ब्रायन ने मेयर पीटर सोल्सबी को लिखे पत्र के बारे में अपने ट्विटर हैंडल पर बताया है।
The letter I sent to Sir Peter Soulsby today – Dr Allen has now rightly gone pic.twitter.com/LvXKDD36cq
— Neil O’Brien MP (@NeilDotObrien) November 1, 2022
डॉ. क्रिस एलन हिंदू विरोधी
डॉ. क्रिस एलन का हिंदू विरोधी होना और कट्टरपंथी इस्लामवादियों से प्यार करना किसी से छिपा नहीं है। 52 वर्षीय क्रिस एलन लेस्टर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह अपने ट्विटर प्रोफाइल (जिसे अब हटा दिया गया है) के अनुसार, ‘इस्लामोफोबिया, नफरत और कट्टरपंथ’ के जानकार हैं।
इस साल सितंबर में उन्होंने द कन्वर्सेशन में एक प्रोपेगेंडा लेख लिखा था, “जिसमें उन्होंने इस्लामवादियों को बेकसूर बताते हुए हिंदुओं पर लेस्टर हिंसा का आरोप लगाया था। लेस्टर हिंसा के लिए हिंदुओं को दोषी ठहराने और मुस्लिमों को निर्दोष बताने पर हिंदू संगठनों के अलावा कई प्रतिष्ठित पत्रकारों ने भी क्रिस एलन की आलोचना की थी और उनके कथित निष्पक्षता के दावे पर चिंता व्यक्त की थी।
‘द डेली टेलीग्राफ’ के स्तंभकार निक टिमोथी ने लिखा था, “लेस्टर में सांप्रदायिक हिंसा की जाँच के लिए डॉ. क्रिस एलन को नियुक्त करना एक बहुत बड़ी गलती है।” उनके लेखन से पता चलता है कि उन्होंने इस मामले में पहले ही निष्कर्ष निकाल लिया है। वह स्थानीय हिंदुओं को दोषी ठहराते हैं और दावा करते हैं कि इसमें मुस्लिम के शामिल होने की रिपोर्ट ‘इस्लामोफोबिक’ है।”
It’s a grave error to appoint Dr Chris Allen to review communal violence in Leicester. He writing shows his conclusions are already pre-judged.
— Nick Timothy (@NJ_Timothy) October 27, 2022
In short he blames British Hindus and suggests reports of Muslim involvement are “Islamophobic”. https://t.co/XzcAcooqrL pic.twitter.com/5FjemTvZTE
डॉ. क्रिस एलन ने 9/11 हमले को लेकर भी ऐसे कुतर्क पेश किए हैं, जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं कहे जा सकते हैं।
Riaz Khan is one of the Leicester troublemakers. He’s also a ridiculous 9/11 truther.
— habibi (@habibi_uk) October 30, 2022
Here he is in friendly conversation with Chris Allen. “9/11 was a set-up!”, he says.
Mr Allen is a merry truther too.
When will Leicester Labour admit it has made a terrible mistake here? https://t.co/HNSJsQl0KB pic.twitter.com/iTZdJxaKW9
इस वीडियो में डॉ. क्रिस एलन के साथ इस्लामवादियों के समर्थक रियाज खान भी थे, जिन्होंने 9/11 हमले को अंजाम देने वाले अपने मजहब के लोगों का बचाव किया था और हिंदू समुदाय को दोषी ठहराने का प्रयास किया था।
ऑपइंडिया ने हिंदू-विरोधी लेस्टर हिंसा पर काफी रिपोर्ट प्रकाशित की हैं, जिसने इस्लामवादियों से सहानुभूति रखने वाले मीडिया आउटलेट्स और कई इस्लामवादियों की रातों की नींद हराम कर दी थी।
ऑपइंडिया ने बताया था कि कैसे इस्लामवादियों ने लेस्टर में हिंदू समुदाय के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाया, हिंसा के लिए एक ठोस आधार बनाया और सोची-समझी साजिश के तहत हमलों को अंजाम दिया। हमने यह भी सबके सामने लाया कि कैसे वामपंथी समाचार पोर्टलों ने इस्लामवादियों को बचाने की कोशिश की और भारतीय हिंदुओं पर लेस्टर हिंसा का आरोप लगाया।