बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के हिंसा में तब्दील हो जाने के बाद रविवार (04 अगस्त 2024) को असहयोग आंदोलन शुरु हो गया है। छात्रों की आड़ में विपक्षी पार्टियों और इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पूरे देश में हिंसा फैला दी है। कम से कम 55 लोगों की मौत की खबरें हैं, जिसमें अधिकतर लोग आवामी लीग के कार्यकर्ता हैं। पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कथित आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के संयोजक द्वारा घोषित, असहयोग आंदोलन के पहले दिन ढाका और बांग्लादेश के अन्य हिस्सों में विभिन्न इलाकों में भीषण झड़पों में 13 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 55 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए। देश भर में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की है। मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है। फेसबुक-वॉट्सऐप के बंद होने की सूचना आ रही है। इस बीच, सियालहट से राजधानी ढाका तक लंबे मार्च की घोषणा प्रदर्शनकारियों ने की है, जो मंगलवार (6 अगस्त 2024) तक ढाका पहुँचने वाली है। इस बीच पूरे देश में दुकानें, बैंक सबकुछ बंद रहे हैं, तो रविवार शाम 6 बजे से कर्फ्यू का ऐलान किया गया है।
बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में सिराजगंज में 18 की मौत, नरसिंगडी में 6, फेनी में 5, रंगपुर में 4, ढाका, मगुरा, पबना, किशोरगंज और बोगुरा में 3-3, मुंशीगंज और सिलहट में 2-2, बरिशाल, सावर और कुमिला में एक-एक लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, सिराजगंज के इनायतपुर पुलिस स्टेशन पर अपराधियों ने हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 13 पुलिसकर्मी मारे गए।
जानकारी के मुताबिक, नरसिंगडी में अवामी लीग और भेदभाव विरोधी कोटा आंदोलन के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में कम से कम छह अवामी लीग नेताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और कई अन्य घायल हो गए। डेली स्टार ने सिराजगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सदर सर्किल) के.एम. शाहिदुल इस्लाम शोहाग के हवाले से बताया कि यह घटना दोपहर करीब एक बजे नरसिंगडी में माधवाधि नगर भवन के बगल में बोरो मस्जिद के सामने घटी।
रविवार (4 जुलाई 2024) की दोपहर किशोरगंज में प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक महिला सहित तीन लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि संघर्ष के दौरान आवामी लीग कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने विरोध जुलूस निकालकर तीन घंटे तक सड़क जाम कर दी।
विपक्षी पार्टी का एक-सूत्रीय एजेंडा
इस बीच, विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने विरोध प्रदर्शनों के समर्थन के एक-सूत्रीय एजेंडे का ऐलान किया है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और कैबिनेट के इस्तीफे की माँग की है। विपक्ष ने भी अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं, कि उसे येन-केन-प्रकारेण सत्ता चाहिए। बीएनपी के कार्यकर्ता प्रदर्शनों में शामिल होते देखे गए हैं।
भारतीय उप-उच्चायुक्त ने की अपील
Advisory:
— India in Sylhet (@ahcisylhet) August 4, 2024
All Indian nationals including students living in the jurisdiction of Assistant High Commission of India , Sylhet are requested to be in touch with this office & are advised to remain alert.
In case of emergencies,please contact +88-01313076402@MEAIndia @ihcdhaka
ताजा हिंसा के बाद भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। सहायक उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत के सहायक उच्चायोग, सिलहट के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से इस कार्यालय के संपर्क में रहने का अनुरोध किया जाता है और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आपात स्थिति के मामले में, कृपया +88-01313076402 पर संपर्क करें।”