अरबी प्रिंट वाली ड्रेस पहनने वाली महिला पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर सर तन से जुदा के नारे लगाने वाली कट्टरपंथी भीड़ को पाकिस्तानी भी लताड़ लगा रहे हैं। पाकिस्तानी यूट्यूबर कमर चीमा ने कहा है कि अरबी में हलवा वर्ड प्रिंटेड था जिसे कुछ लोगों ने अपनी जाहिलियत में कुरान की आयत समझ लिया। उन्होंने इस मसले पर अपने शो में बैरिस्टर हामिद बशानी से चर्च की और इस घटना के लिए पाकिस्तान में फैले ‘कट्टरपंथ’ और ‘जाहिलता’ को दोषी बताया।
डॉ कमर चीमा के सवाल का जवाब देते हुए हामिद बशानी ने कहा, “ये पूरा मामला कट्टरपंथ और जाहिलपने के मिश्रण का है। इनसे साबित होता है कि हमारे देश में जो कट्टरपंथ बढ़ रहा है उसका कारण जहालत है। सवाल है कि अगर किसी ने ये पहना हुआ है और ऐसा माहौल बना है तो वहाँ किसी भी समझदार ने उन्हें क्यों नहीं रोका। उसने क्यों नहीं बोला कि कुर्ते पर ऐसा कुछ नहीं लिखा या ये क्यों नहीं कहा कि अगर किसी ने ऐसा कुछ पहना है तो दूसरे लोग क्यों इस पर लाठी लेकर खड़े हैं।”
बैरिस्टर ने कहा कि जब तक अन्य लोग ऐसी भीड़ के खिलाफ आवाज नहीं उठाएँगे तब तक कुछ नहीं होगा। लेकिन लोग भेड़-बकरियों की तरह ऐसे कट्टरपंथियों के साथ हो जाते हैं या फिर कोने में कैमरा लेकर खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि इंसानी जान हर जगह कीमती है। पब्लिक ऐसे मामलों में कैसे रिएक्ट करती है ये बहुत जरूरी है। उन्होंने उस महिला पुलिसकर्मी की तारीफ की जिसने पीड़िता को बचाया और कहा कि अगर अन्य पुलिसकर्मी जैसा कोई वहाँ होता तो शायद मॉब लिंचिंग हो जाती।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों को पढ़ने-लिखने की जरूरत है। नेतृत्व करने वालों को कहना चाहिए कि अगर कोई तौहीन कर रहा है तो उससे भीड़ का लेना-देना नहीं होना चाहिए। मुल्क में कानून है वो ऐसे मामलों से निपट लेगा। उन्होंने कहा कि कई जगह ऐसी हैं जहाँ लोग पढ़े लिखे कम हैं और मजहब को लेकर ज्यादा सेंसिटिव है। एक आदमी ऐसे मुद्दे उठाता है और बाकी लोग उसकी बात मान लेते हैं। पहले भी ऐसे लोग सामने आते थे, पर तब 10 लोग ये समझाने के लिए होते थे कि ये सब उसका काम नहीं है, इसके लिए कानून है।
उन्होंने कहा- जिस आदमी को हलवा पढ़ना नहीं आता, वो आदमी मजहब के नाम पर कत्ल करने पर उतर जाते हैं तो ऐसे समाज को सरकारी सतह पर जब तक लगाम नहीं दी जाएगी, तब तक कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग हलवे को मजहब की लौहीन बताकर लड़की के साथ बद्तमीजी करते हैं उनको डूब मरना चाहिए।
Woman in Lahore’s Ichra wearing a digital print shirt taken into police custody after a mob complained that the shirt had Quranic verses on it. pic.twitter.com/bVjtkuZlsP
— Naila Inayat (@nailainayat) February 25, 2024
बता दें कि पाकिस्तान से आज ये अजीब वाकया सामने आया। एक महिला वहाँ अरबी प्रिंट वाली ड्रेस को पहनकर निकली तो इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ उसपर यह सोच टूट पड़ी कि ड्रेस पर कुरान की आयत लिखी है। उन्होंने उस महिला पर चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा के नारे लगने लगे। हालाँकि बाद में एक महिला पुलिस ने बहादुरी से बीच में आकर मामला शांत कराया और जब जाँच हुई तो पता चला कि उस ड्रेस पर कुरान की आयतें नहीं बल्कि हलवे जैसे शब्द अरबी में लिखे थे।