टेनिस खिलाडी नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) को ऑस्ट्रेलिया (Australia) में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसा उनके फुली वैक्सीनेटेड (Corona Vaccine) नहीं होने के कारण किया गया है। उनके वीज़ा को भी रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने 6 जनवरी (गुरुवार) को दी। ऑस्ट्रेलियन ओपन (Australian Open) में हिस्सा लेने के लिए पहुँचे जोकोविच को मेलबोर्न एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था।
Mr Djokovic’s visa has been cancelled. Rules are rules, especially when it comes to our borders. No one is above these rules. Our strong border policies have been critical to Australia having one of the lowest death rates in the world from COVID, we are continuing to be vigilant.
— Scott Morrison (@ScottMorrisonMP) January 5, 2022
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा है, “जोकोविच का वीज़ा (Visa) कैंसिल कर दिया है। हमारे देश के अंदर जो कानून है वह लागू होगा। कानून से बढ़कर कोई भी नहीं है। इन्ही कड़े कानूनों से ही हमारे देश में कोरोना काल में दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर रही थ। हम कानूनों का उललंघन नहीं होने देंगे।?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए कुल मिला कर लगभग 3000 खिलाडियों और स्टाफ ने आवेदन किया था। इसमें से 26 लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। जोकोविच पर वैक्सीन संबंधी झूठे कागज़ात पेश करने का भी आरोप लगा है। ऐसे में उन्हें लम्बे समय तक एयरपोर्ट पर रोका गया। इस पूरे घटनाक्रम पर जोकोविच ने एयरपोर्ट से ट्वीट भी किया है। यह भी बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के फैसले को वे अदालत में चुनौती दे सकते हैं। यह खबर भी आई थी कि ऑस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा लेने के लिए जोकोविच को वैक्सीनेशन नियमों में छूट दी गई थी।
Happy New Year! Wishing you all health, love & joy in every moment & may you feel love & respect towards all beings on this wonderful planet.
— Novak Djokovic (@DjokerNole) January 4, 2022
I’ve spent fantastic quality time with loved ones over break & today I’m heading Down Under with an exemption permission. Let’s go 2022! pic.twitter.com/e688iSO2d4
गौरतलब है कि नोवाक जोकोविच 9 बार के ऑस्ट्रेलियन ओपन चैम्पियनशिप के विजेता हैं। उन्हें बुधवार को ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फ़ोर्स ने एयरपोर्ट पर रोक लिया था। इस दौरान स्टेट विक्टोरिया गर्वनमेंट से सम्पर्क किया गया। आखिरकार लगभग 10 घंटे तक चली लम्बी जद्दोजहद के बाद उनको वापस भेजने का फैसला किया गया।