पाकिस्तान औऱ ऑस्ट्रेलिया के बीच रावलपिंडी में टेस्ट मैच खेला जा रहा है, लेकिन जिन सुरक्षा कारणों का अंदेशा जताया गया था वो सही साबित हो रहे हैं। शुक्रवार (4 मार्च 2022) को पाकिस्तान के एक शिया मस्जिद में फिदायीन हमला हुआ, जिसमें कम-से-कम 56 लोगों की मौत होने की खबर है। इसके अलावा लगभग 196 लोग घायल हो गए हैं। इनमें कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच हालात को देखते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम की सुरक्षा को रिव्यू करना शुरू कर दिया है।
लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मामला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर की है। कुचा रिसालदार इलाके के किस्सा ख्वानी बाजार स्थित शिया मस्जिद में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के लिए करीब 150 की संख्या में नमाजी इकट्ठा हुए थे। जब मस्जिद के अंदर भीड़ थी, तभी आत्मघाती हमलावर आया और सुरक्षाकर्मियों और रोकने वालों पर गोलियाँ बरसाने लगा। इसके बाद अंदर जाकर खुद को उड़ा लिया।
अधिकारियों का कहना है कि इस वारदात को अंजाम देने में दो हमलावर शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि काले रंग की सलवार कमीज पहने एक हमलावर शहर के किस्सा ख्वानी बाजार में मस्जिद तक पैदल पहुँचा और पिस्तौल लहराते हुए दिखाई दिया। मस्जिद में घुसने से पहले उसने गेट पर खड़े एक पुलिसकर्मी पर गोलियाँ चला दी। मौका मिलते ही वो मस्जिद के अंदर घुस गया और वहाँ पर खुद को विस्फोट कर उड़ा दिया।
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि सुरक्षा के लिए मस्जिद में दो पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया था। इस हमले में एक कॉन्स्टेबल की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमले में करीब पाँच से छह किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। बहरहाल अभी तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह वही शहर है जहाँ मार्क टेलर ने 1998 में अपना प्रसिद्ध नाबाद 334 रन बनाया था। बहरहाल आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की निंदा की है। बहरहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम इस्लामाबाद में ठहरी है और उसे राष्ट्रपति शैली की सुरक्षा दी गई है।
24 साल बाद पाकिस्तान के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया
गौरतलब है कि 24 साल पहले साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान के दौरे पर आई थी। उसके बाद 2009 में श्रीलंका की टीम पर पाकिस्तान में आतंकी हमला हुआ। इसके बाद से तो कोई भी विदेशी टीम सुरक्षा कारणों के चलते पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने नहीं आई थी। पिछले साल इंग्लैड और न्यूजीलैंड ने भी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। यहीं नहीं, दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों को धमकी भी दी गई थी।