पाकिस्तान भले ही चीन के समक्ष समर्पण कर के बैठा हो लेकिन अब चीन के ही लोग पाकिस्तानियों को प्रताड़ित करने पर उतर आए हैं। नमाज को इस्लाम के 5 मूलभूत सिद्धांतों में से एक माना जाता है लेकिन पाकिस्तान में चीन की कुछ कंपनियों ने वर्कर्स द्वारा ऑफिस की अवधि में नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगा दी है। सोशल मीडिया पर जुमे के दिन शुक्रवार (जून 26, 2020) का एक मौलवी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे इस खुलासे को बल मिला है।
उक्त मौलवी ने वीडियो में पाकिस्तान के लोगों को इन मामलों में कड़ा रुख अख्तियार करने की सलाह दी है। पाकिस्तानी मौलवी ने कहा कि पाकिस्तान के लोग चीन को ये बता दें कि वहाँ के लोगों को अगर पाकिस्तान में रहना है तो यहाँ के स्थानीय नियम-क़ायदों के हिसाब से चलना पड़ेगा क्योंकि ये मुल्क उनकी जागीर नहीं है। मौलवी ने कहा कि चीन की कंपनियों में काम कर रहे लोग नमाज नहीं पढ़ पा रहे हैं। उन्हें अपनी नौकरी जाने का भय सता रहा है।
पाकिस्तान के मौलवी ने कहा कि चीन की कंपनियों द्वारा अपने पाकिस्तानी कर्मचारियों को नमाज न पढ़ने देना अब पाकिस्तान के सेल्फ-रेस्पेक्ट का मुद्दा बन गया है। मौलवी ने पाकिस्तानियों को मजबूती से खड़ा होने की अपील की। बता दें कि चीन सैन्य मामलों में पाकिस्तान का सबसे विश्वस्त मित्र है और उसने पाकिस्तान में भारी निवेश भी कर रखा है। वो समय-समय पर अंतररष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के पक्ष भी लेता रहा है।
बदले में पाकिस्तान भी चीन के शिनजियांग में उइगरों पर हो रहे अत्याचार पर चुप रहता है। आए दिन इस्लाम और पैगम्बर मुहम्मद की बात करने वाले इमरान खान शिनजियांग में चीन द्वारा 20 लाख उइगरों को प्रताड़ना कैम्प में डाले जाने, वहाँ की महिलाओं के साथ चीनी अधिकारियों के सोने और उनका गर्भपात कराने वाली ख़बरों पर चुप्पी साधे रखते हैं। लेकिन, अब चीन के कारण पाकिस्तान में ही समस्याएँ खड़ी हो रही हैं।
इसके अलावा चीन में उइगरों के दाढ़ी रखने पर भी पाबन्दी लगी हुई है, जिससे कई मजहबी मुल्क और संगठन कम्युनिस्ट पार्टी से नाराज़ हैं लेकिन पाकिस्तान इसे नज़रअंदाज़ करता आया है।