इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच 11 दिनों तक चले संघर्ष के बाद अब विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। जहाँ एक ओर मुस्लिम बहुल देश ईरान ने दूसरे मुस्लिम देशों से अपील की है कि सभी मुस्लिम देश फिलिस्तीनियों को आर्थिक और सैन्य सहायता देने के अलावा गाजा पट्टी में उनके पुनर्निर्माण के लिए भी आगे आएँ। वहीं दूसरी ओर एक अन्य मुस्लिम देश बांग्लादेश ने अपने नागरिकों पर इजरायल यात्रा के लिए लगाए दशकों पुराने बैन को समाप्त कर दिया।
पहले बात करते हैं बांग्लादेश की। शनिवार (22 मई) को बांग्लादेश ने यहूदी देश इजरायल की यात्रा के लिए बांग्लादेशी लोगों पर लगाए बैन को हटा दिया है। पहले बांग्लादेश के पासपोर्ट पर लिखा हुआ था, “This passport is valid for all countries of the world except Israel” अर्थात यह पासपोर्ट सभी देशों के लिए वैध है सिवाय इजरायल के, लेकिन अब यह बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र के डेप्युटी डायरेक्टर जनरल गिलाड कोहेन ने ट्वीट करके बांग्लादेश की सरकार के इस निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि बांग्लादेश की सरकार द्वारा देश के नागरिकों पर लगे इजरायल की यात्रा के बैन को हटाने का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि अब बांग्लादेश को इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध भी स्थापित करने चाहिए जिससे दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे से जुड़ सकें।
Great news! #Bangladesh has removed travel ban to Israel. This is a welcome step & I call on the Bangladeshi government to move forward and establish diplomatic ties with #Israel so both our peoples could benefit & prosper.@IsraelMFA #IsraelLooksEast https://t.co/LbOLbm9dfG
— Gilad Cohen 🇮🇱 (@GiladCohen_) May 22, 2021
हालाँकि, बांग्लादेश के इजरायल के साथ किसी प्रकार के कूटनीतिक संबंध नहीं है। यहाँ तक कि बांग्लादेश ने अभी तक इजरायल को मान्यता भी नहीं दी है। लेकिन फिलिस्तीन का दूतावास बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित है। ऐसे में बांग्लादेश द्वारा इजरायल की यात्रा पर लगाए गए बैन को हटाया जाना इस बात की संभावना प्रकट करता है कि आगामी भविष्य में बांग्लादेश भी इजरायल के साथ कूटनीतिक और राजनैतिक संबंध स्थापित करेगा।
बांग्लादेश के अलावा ब्रुनेई, इराक, ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों में भी इजरायल की यात्रा पर बैन लगा हुआ है। इन्हीं मुस्लिम देशों में से एक ईरान कई मौकों पर इजरायल के प्रति काफी मुखर रहा है।
हाल ही में ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह खामनेई ने सभी मुस्लिम देशों से अपील की कि ये देश फिलिस्तीनियों का आर्थिक और सैन्य सहयोग करें। खामनेई ने कहा कि सभी मुस्लिम देशों को गाजा को फिर से बनाने के लिए आगे आना चाहिए। अयातुल्लाह ख़ामनेई ने दुनिया के सभी मुसलमानों से यह माँग की है कि वो अपनी-अपनी सरकारों से फिलिस्तीनियों का समर्थन करने की अपील करें।
इसके पहले भी ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह खामनेई इजरायल के बारे में कट्टरपंथी बयान दे चुके हैं। कुछ दिनों पहले खामनेई ने कहा था कि इजरायल कोई देश नहीं बल्कि मुसलमानों के लिए एक आतंकी अड्डा है। उन्होंने मुस्लिम देशों से इजरायल को हराने के लिए एकजुट होने की अपील की थी।
ईरान ने अभी तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है। ईरान के शीर्ष नेता अभी भी इजरायल के विरोध में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हमास और इस्लामिक जिहाद को समर्थन देते हैं।