कनाडा सरकार ने प्रदर्शन कर रहे भारतीय छात्रों को बड़ी राहत देते हुए उनके निर्वासन पर रोक लगा दी। इससे पहले कनाडा सरकार ने भारतीय छात्र लवप्रीत सिंह को 13 जून तक देश छोड़ने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद भारतीय छात्रों ने वहाँ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय और उच्चायोग के हस्तक्षेप के बाद यह फैसला सामने आया है।
फर्स्टपोस्ट ने टोरंटो स्टार के हवाले से कहा है कि भारतीय छात्रों को कनाडा से निकालने के फैसले को लेकर वहाँ की संसद में मतदान किया गया है। इस मतदान में फैसला भारतीय छात्रों के पक्ष में गया। इसके बाद कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) को मानवता के आधार पर भारतीय छात्रों को माफ करने और उन्हें स्थायी निवास देने के विकल्प पर ध्यान देने के लिए कहा गया है।
भारतीय छात्रों के कनाडा से निर्वासन के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव लाने वाली कनाडाई सांसद जेनी क्वान ने कहा है, “छात्र धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं इसलिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। इनमें से बहुत से छात्रों से मैं मिल चुकी हूँ। वे बहुत बड़े संकट में फँस गए हैं। उनका पूरा पैसा डूब चुका है। ऐसे में उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया था।”
इससे पहले, गुरुवार (8 जून, 2023) को कनाडा के शरणार्थी और नागरिकता मंत्री सीन फ्रेजर ने ट्वीट कर कहा था, “फर्जी परमिट के साथ यहाँ आकर फँसे छात्रों की समस्या का समाधान करने के लिए हम सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। यहाँ पढ़ने की उम्मीद से आए लोगों का जिन लोगों ने फायदा उठाया है उन्हें उनके किए की सजा जरूर मिलेगी।”
Innocent victims will be given every opportunity to have their case considered fairly. Due to the complexity of the situation, we remain committed to working with CBSA to determine a fair outcome.
— Sean Fraser (@SeanFraserMP) June 7, 2023
बता दें कि भारतीय छात्रों के साथ हुए इस फ्रॉड और उन्हें कनाडा छोड़ने के आदेश मिलने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी मामले पर संज्ञान लिया था। एक बयान में उन्होंने कहा था, “अच्छी नीयत से काम करने वाले छात्रों को सजा देना सही नहीं है। जिन लोगों ने गलती की है उन्हें ही सजा देनी चाहिए। कनाडाई भी स्वीकार करते हैं कि अगर किसी छात्र ने कोई गलती नहीं की है तो उन्हें भारत भेजना गलत होगा। यदि किसी छात्र ने कोई गलती नहीं की है तो उन्हें इसका समाधान खोजना होगा। मुझे उम्मीद है कि इस संबंध में कनाडाई सिस्टम निष्पक्ष काम करेगा।”
वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी भारतीय छात्रों की हरसंभव मदद करने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, “हमें पता चला है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय छात्र फर्जी कॉलेज लेटर की वजह से निर्वासन का सामना कर रहे हैं। इस मामले में हमारा पूरा ध्यान दोषियों की पहचान करना है ना कि छात्रों को सजा देना।”
दरअसल, मूल रूप से पंजाब निवासी छात्र लवप्रीत सिंह पढ़ाई करने के लिए कनाडा गया था। हालाँकि कनाडाई अधिकारियों ने जाँच में पाया था कि लवप्रीत सिंह ने जिस ऑफर लेटर और स्टडी परमिट पर कनाडा में दाखिल हुआ था वह पूरी तरह फर्जी था। फर्जी परमिट पर कनाडा जाने वाला लवप्रीत सिंह अकेला नहीं था। बल्कि ऐसे ही करीब 700 भारतीय छात्र एजेंट की ठगी का शिकार हुए थे। कनाडा प्रशासन ने सभी को देश छोड़ने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के बाद गत 5 जून से भारतीय छात्र कनाडा में प्रदर्शन कर रहे थे। हालाँकि अब मौजूदा आदेश के बाद छात्रों ने राहत की साँस ली होगी।