ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ने जीत हासिल की है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तानी राग अलापने वाली लेबर पार्टी को क़रारी शिक़स्त मिली है। लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफ़े की घोषणा कर दी है। हार स्वीकारते हुए उन्होंने कहा है कि अगले चुनाव में वे लेबर पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे।
दरअसल, ब्रेग्जिट को लेकर आकस्मिक हुए चुनाव में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आम चुनाव में शुक्रवार की बहुमत मिला है। बीबीसी की ख़बर के अनुसार, ब्रिटेन के आम चुनाव में सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। 650 सीटों वाली संसद पार्टी ने बहुमत के लिए ज़रूरी 326 सीटों का आँकड़ा पार कर लिया है। रुझानों के अनुसार, पार्टी के खाते में 363 सीटें आ सकती हैं।
ब्रिटेन के आम चुनाव में पीएम बोरिस जॉनसन को जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा, “पीएम बोरिस जॉनसन को प्रचंड बहुमत के साथ वापसी के लिए बहुत-बहुत बधाई। मैं उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ। भारत-ब्रिटेन के करीबी संबंधों के लिए मिलकर काम करना चाहता हूँ।”
Many congratulations to PM @BorisJohnson for his return with a thumping majority. I wish him the best and look forward to working together for closer India-UK ties. pic.twitter.com/D95Z7XXRml
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2019
बता दें कि एग्ज़िट पोल में भी इसी तरह के नतीजों का अनुमान लगाया गया था। एग्ज़िट पोल में बोरिस जॉनसन की कंज़र्वेटिव पार्टी को हाउस ऑफ कॉमन्स में 368 सीटें जीतने की उम्मीद जताई गई थी।
Conservatives set to win majority in UK general election, according to exit poll for BBC, ITV and Sky#BBCElection https://t.co/Dddr2JHn8W pic.twitter.com/9zLYsTS8t5
— BBC Breaking News (@BBCBreaking) December 12, 2019
जेरेमी कॉर्बिन की पार्टी ने भारत के अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद विरोध में आए पाकिस्तानी समूहों का समर्थन किया था। वहीं, अधिकांश ब्रिटिश-भारतीय समुदायों ने इस चुनाव में कंज़र्वेटिव पार्टी के बोरिस जॉनसन का खुले तौर पर समर्थन किया।
कॉर्बिन की लेबर पार्टी ने कश्मीर पर पाकिस्तानी मूल के सदस्यों द्वारा लाया गया एक ‘प्रस्ताव’ भी पारित किया था। इस प्रस्ताव में कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की वकालत करते हुए पाकिस्तान की तरह ही भारत के फैसले की आलोचना की गई थी।
The situation in Kashmir is deeply disturbing. Human rights abuses taking place are unacceptable. The rights of the Kashmiri people must be respected and UN resolutions implemented.
— Jeremy Corbyn | Vote today ? (@jeremycorbyn) August 11, 2019
इसके अलावा, भारतीय कॉन्ग्रेस पार्टी ने यूके के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी, इसमें कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा की गई थी।
A very productive meeting with UK representatives from the Indian Congress Party where we discussed the human rights situation in Kashmir.
— Jeremy Corbyn | Vote today ? (@jeremycorbyn) October 9, 2019
There must be a de-escalation and an end to the cycle of violence and fear which has plagued the region for so long. pic.twitter.com/wn8DXLohJT
इतना ही नहीं, पाकिस्तानी प्रायोजित ब्रिटिश समूहों द्वारा आयोजित भारत-विरोधी मार्च में कई लेबर पार्टी के सदस्य और यहाँ तक कि उनके सांसद भी भाग लेते नज़र आए। भारत-विरोधी जुलूसों ने दो मौक़ों पर लंदन में भारतीय उच्चायोग के पास हिंसक प्रदर्शन भी किया था।
विवादास्पद कश्मीर प्रस्ताव के बाद, भारतीय उच्चायोग ने भारत-विरोधी तत्वों के खुले समर्थन की कड़ी आलोचना की थी और लेबर पार्टी के साथ अपने तय कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। ब्रिटेन में भारतीय समुदाय ने भी नाराज़गी व्यक्त की थी और कंज़र्वेटिव पार्टी के समर्थन की घोषणा की थी। वहीं, लेबर पार्टी का चेहरा उस समय सबके सामने आ गया था जब आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ ने उसे समर्थन की घोषणा की।
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