कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के आंतरिक मामला में हस्तक्षेप करते हुए यहाँ दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन में बयान जारी किया है, जिसके बाद भारत ने भी उन्हें कड़ी नसीहत दी है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है और कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि अगर वो भारत से आ रही इस खबर को नज़रअंदाज़ करते हैं तो ये लापरवाही होगी।
उन्होंने कहा कि हम सभी अपने परिवार और दोस्तों के लिए काफी चिंतित हैं, ये आप सबके लिए एक वास्तविकता है। कनाडा के पीएम सिख बहुल क्षेत्रों के लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। बता दें कि उनकी सरकार में भी सिखों का दबदबा है और सिख वोटरों की संख्या के कारण अक्सर वहाँ के नेता खालिस्तानी एजेंडा को आगे बढ़ाते दिखते हैं। उन्होंने दावा किया कि कनाडा बातचीत की प्रक्रिया में विश्वास रखता है।
जस्टिन ट्रूडो ने जानकारी दी कि उन्होंने कई माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाई है और ये हम सबके लिए साथ में आगे बढ़ने का क्षण है। बता दें कि ये पहली बार है, जब किसी अन्य देश के नेता ने भारत में चल रहे कथित ‘किसान आंदोलन’ पर टिप्पणी की हो। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उनकी इस टिप्पणी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि भारत में किसानों के मुद्दे को लेकर कनाडा के कुछ नेता गलत सूचनाओं के आधार पर बयान दे रहे हैं।
#BREAKING: Indian Govt says Canadian PM made ill-informed comments on farmers in India. ‘Such comments are unwarranted, especially when pertaining to internal affairs of a democratic country. It is best that diplomatic conversations are not misrepresented for political purposes.’ https://t.co/yN4zauBSkY
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 1, 2020
भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ अनुचित हैं, खासकर जब मुद्दा किसी लोकतांत्रिक राष्ट्र के आंतरिक मामलों से जुड़ा हो। भारत ने ये भी नसीहत दी है कि कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न किया जाए। कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन ने भी आरोप लगाया था कि भारत में किसानों के साथ क्रूरता हो रही है और ये काफी परेशान करने वाला है।
गौरतलब है कि दिल्ली के ‘किसान आंदोलन’ पर भी खालिस्तानियों ने कब्ज़ा कर लिया है। ऐसी तमाम तस्वीरें और वीडियो सामने आए जिसमें प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के समर्थन की बात सामने आ रही है। इसी तरह का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे। एक प्रदर्शनकारी ने ‘जय हिंद’ पर भी आपत्ति जताई।