अब तक आपने स्कूल कॉलेजों में होने वाली तमाम प्रतिस्पर्धाओं के बारे में सुना होगा जिनका उद्देश्य छात्रों के भीतर छिपे हुनर को बाहर निकालना होता है। लेकिन अमेरिका के मिनेसोटा में स्थित एक कॉलेज से एक अजीबोगरीब कॉम्पिटिशन की खबर आई है। डेलीमेल की खबर के अनुसार वहाँ एक कैथोलिक कॉलेज में सेक्स कॉम्पिटिशन करवाया जाता था जिसका उद्देश्य दूसरे कैथोलिक कॉलेज की लड़कियों को निशाना बनाना था।
मिनेसोटा में स्थिति सेंट जॉन यूनिवर्सिटी है उसके सेंट पैट्रिक हॉल में रहने वाले छात्रों के समूह ने इस कॉम्पिटिशन को किया जिसमें नियम थे कि कौन सबसे ज्यादा सेंट बेनेडिक्ट की लड़कियों के साथ सेक्स करेगा। इस कॉम्पिटिशन में शामिल होने वालों को बकायदा अलग-अलग सेक्स एक्ट करने को कहा जाता था। जिसके लिए प्वाइंट वैल्यू भी असाइन होते थे।
शैक्षणिक संस्थान में हो रहे ऐसे घिनौने कॉम्पिटिशन से वाकिफ दो छात्रों ने इस बाबत अपना नाम न बताने की शर्त पर द रिकॉर्ड को बयान दिया। उन्होंने बताया ये प्रतियोगिता एक ग्रुप चैट से चलती है। जहाँ बेनेडिक्ट की महिलाओं के नाम दिए जाते हैं और सेंट जॉन के लड़कों को उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना होता है।
कॉम्पिटिशन में शामिल होने वाले को न केवल विभिन्न सेक्स एक्ट असाइन होते बल्कि उनकी बारिकियाँ भी बताई जातीं। लेकिन ये कॉम्पिटिशन कैसे होता है ये आज तक रहस्य बना हुआ है। ये बात भी अज्ञात है कि कितने छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लिया और कैसे इसका इतना विस्तार हुआ।
अजीब बात ये है कि ये सेंट जॉन और सेंट बेनेडिक्ट दोनों पार्टनर कॉलेज हैं। ऐसे में इस कॉम्पिटिशन का पता चलते ही यूनिवर्सिटी ने जाँच करनी शुरू कर दी है। प्रवक्ता का कहना है कि पहली बार इस संबंध में उनको सितंबर में मालूम चला था। स्कूल के अनुसार, चूँकि अभी जाँच चल ही रही है इसलिए वह आरोपों के बारे में या आरोपितों और सेक्सुअल एक्ट्स के बारे में नहीं बता सकते।
उन्होंने कहा, “हम किसी तरह के यौन दुराचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे…हमने आरोपितों को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित, निष्पक्ष और तीसरी पार्टी के जाँचकर्ताओं को बुलाया है।” इस बीच कई सेंट बेनेडिक्ट के छात्रों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि जाँच कैसे हुई। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि उनके साथी (पुरुष) सहपाठी इस स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं।
एक महिला ने बताया, “हमने इसके बारे में अपने बहुत से पुरुष मित्रों के साथ बहुत बात की और उनमें से कई बोले कि लड़कियाँ इसे बहुत बड़ी बात बना रही हैं। हमें कहा जा रहा है कि हम ज्यादा नाटक करते हैं और हम ही लोगों के जीवन को बर्बाद करने पर तुले हैं।” वह कहती हैं कि ये बातें सबूत हैं कि उन्हें नहीं लगता कि ये खेल गलत था और उनके मुताबिक ये सिर्फ उनके जीवन से जुड़ा सवाल हैं।
एक अन्य लड़की कहती, “मैं जिन लड़कों को जानती हूँ वो मुझसे कहते हैं ‘जिन्होंने ये सब किया वो उनकी दिक्कत हैं, हम तो ऐसा कभी नहीं करेंगे’…लेकिन फिर वो टिप्पणी करते हैं…भले ही उनकी हरकत छोटे लेवल पर होती हैं लेकिन तब भी वो उसी साइकिल का पार्ट हैं। मुझको नहीं लगता कि उन्हें इस बात का एहसास है कि वो भी इन सबमें छोटे ही सही लेकिन भागीदार हैं।”
उल्लेखनीय है कि कैथोलिक कॉलेज में होने वाले ऐसे कॉम्पिटिशन का खुलासा होने के बाद सेंट बेनेडिक्ट्स इंस्टीट्यूट फॉर विमेन लीडरशिप के कॉलेज द्वारा प्रदर्शन किया गया जिसमें सैंकड़ों छात्राओं ने भाग लिया। कॉलेज में संचार और जेंडर अध्ययन के प्रोफेसर एमिली बर्ग पॉप ने आरोपों को ‘तंग करने वाला’ कहा। उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया और कथित प्रतियोगिता की निंदा करने के लिए एकजुट होने के लिए छात्रों की प्रशंसा की।
वहीं बेनेडिक्ट में पढ़ने वाली एक छात्रा ने ये याद किया कि कैसे कॉलेज में पहले भी पुरुष छात्रों ने अपमानजनक व्यवहार किया लेकिन हमेशा उनकी अनदेखी होती रही। छात्रा ने उम्मीद जताई कि शायद अब इतनी बड़ी बात खुलने के बाद सेंट जॉन के लड़कों से जवाब माँगा जाएगा। पहले के कृत्यों को तो धो-पोंछ बरामबर कर दिया गया।