चीन में कोविड-19 के नए वैरिएंट BF7 ओमिक्रॉन के कारण स्थिति हाथ से निकल चुकी है। इस वैरिएंट के कारण चीन में रोजाना 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। एक अंतररष्ट्रीय डेटा फर्म का कहना है कि आने वाले दिनों में चीन में 13 से 21 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
ब्रिटेन की हेल्थ डेटा फर्म ‘एयरफिनिटी’ के मुताबिक, चीन कोरोनो वायरस की चरम स्थिति से जूझ रहा है। वहाँ के अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं। डॉक्टरों की भारी कमी हो गई हैं और श्मशान घाट, मुर्दाघरों में और सड़कों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं। अस्पतालों और क्लिनिकों के बाहर संक्रमितों लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं।
चीन की भयावह स्थिति के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कोविड संक्रमणों के कारण अस्पतालों में दवाइयों का अकाल पड़ गया है। जीवन रक्षकों उपकरणों की भारी कमी हो गई है। चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता जेनिफर जेंग ने एक फ्यूनरल होम का वीडियो शेयर किया है, जहां चारों तरफ लाशें पड़ी हैं।
अस्पतालों में लाशें फर्शों पर पड़ी हुई हैं। भारी दबाव और लगातार काम करने के कारण डॉक्टर अस्पतालों में लगातार काम कर रहे हैं। कई ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें थकान के कारण डॉक्टर चक्कर खाकर गिरते नजर आ रहे हैं। वहीं कुछ डॉक्टर इलाज करते हुए सो गए।
वीडियो क्लिप में चीनी शहर चोंगकिंग के एक अस्पताल में आपातकालीन निगरानी कक्ष में अराजकता के दृश्य दिखाई दे रहा है। इसमें मरीज फर्श पर लेटे हुए हैं। चीनी सरकार के अनुसार, निमोनिया और साँस लेने में परेशानी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की मौत हो रही है।
वर्ल्डमीटर के अनुसार, चीन में इस समय कोरोना वायरस के 4,12,513 मामले हैं, जिनमें 3,55,177 मरीज रिकवर हो चुके हैं। वहीं, 5245 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में इस समय कोरोना के एक्टिव मामले 52,091 हैं, जिनमें 50,831 माइल्ड केस हैं। वहीं 1260 मरीजों की हालत गंभीर है।
बता दें कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर लगाए गए गंभीर प्रतिबंधों के बाद चीन में लोगों ने व्यापक रूप से प्रदर्शन किया था। इसके बाद लोगों में असंतोष को देखते हुए चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी थी। प्रतिबंधों में ढील मिलते ही चीन में कोरोना भयावह रूप धारण कर लिया।
चीन के चेंगदू प्रांत के बीजिंग चाओयांग अस्पताल के अधिकारी झांग युहुआ ने कहा कि मरने वाले अधिकांश लोगों में बुजुर्ग हैं और वे गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि राज्य के मीडिया के अनुसार, आपातकालीन देखभाल प्राप्त करने वाले रोगियों की संख्या पहले के 100 से बढ़कर 450-550 प्रति दिन हो गई है।