चीन (China) उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslim) के साथ क्या सलूक करता है इसके बारे में समूचा विश्व जानता है, लेकिन इसकी परवाह न करते हुए शी जिनपिंग की वामपंथी सरकार के मुखपत्र अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने भारत में मुस्लिमों को पीड़ित और प्रताड़ित बताने की कोशिश की है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत में बहुसंख्यक हिंदू समुदाय लगातार अल्पसंख्यक मुस्लिमों, ईसाइयों और दूसरे धर्म के लोगों को निशाना बना रहा है। उसका सवाल है कि आखिर पश्चिमी देश इस पर चुप क्यों हैं।
अपने प्रोपागैंडा को आगे बढ़ाते हुए चीनी मुखपत्र ने हिंदू राष्ट्रवादियों और दक्षिणपंथियों को टार्गेट किया। अखबार ने लिखा था कि पिछले महीने एक YouTube चैनल पर हिंदू महासभा की एक नेता पूजा शकुन पांडे ने उग्र हिंदू राष्ट्रवाद का समर्थन करते हुए अपने समर्थकों से मुस्लिमों को मारकर रक्षा करने का आह्वान किया। ग्लोबल टाइम्स पूजा को कोट कर लिखता है कि उसने कहा, “अगर हम में से 100 लोग 20 लाख को मारने के लिए तैयार हैं, तो हम जीतेंगे और भारत को एक हिंदू राष्ट्र बना देंगे। मारने और जेल जाने के लिए तैयार रहें!”
इसके साथ ही चीनी मुखपत्र ने आरोप लगाया कि भारत में मुस्लिमों के खिलाफ शत्रुता और हिंसा की घटनाएँ बढ़ी हैं जो मुस्लिमों के संभावित नरसंहार का संकेत है। इस तरह के लेख भी भारत के समाचार पत्रों में दिखाई देते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने कथित विशेषज्ञों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा के शासनकाल में मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव बढ़ा है।
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में रिसर्च सेंटर फॉर चाइना-साउथ एशिया कोऑपरेशन के महासचिव लियू ज़ोंगई के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “मोदी सरकार ने भारतीय प्रशासित कश्मीर एक मुस्लिम-बहुल राज्य की स्वायत्त स्थिति को खत्म करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम को पारित करने सहित कई उपाय किए, जिसे मुस्लिम विरोधी कानून करार दिया गया था। इन कदमों ने हिंदू राष्ट्रवादियों और उनके अहंकार को बढ़ावा दिया।” उल्लेखनीय है कि चीन कश्मीर को भारतीय प्रशासित कश्मीर कह रहा है, जबकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है।
प्रोपागैंडा फैलाते हुए ग्लोबल टाइम्स ने ये भी झूठ फैलाया कि पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी मुस्लिमों के विरोध को और भड़काएगी। चीन का ये भी कहना है कि अमेरिका भले ही मानवाधिकारों की बात करता है, लेकिन वो भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चुप है। उसका ये भी कहना है कि अमेरिका और पश्चिम ने मुस्लिमों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया।
उइगर मुस्लिमों की है बुरी हालत
भारत में मुस्लिमों की हालत पर भाषणबाजी करने वाला चीन अपने यहाँ उइगर मुस्लिमों के सुनियोजित नरसंहार से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। दिसंबर 2021 में ही ब्रिटेन (britain) के एक ट्रिब्यूनल ने कहा था कि चीन अपने पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों का ‘नरसंहार’ (Genocide) कर रहा है। ट्रिब्यूनल ने उइगर मुस्लिमों को लेकर चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि चीन की सरकार उइगर मुस्लिमों की आबादी को कम करने के लिए उन पर जबरन जन्म नियंत्रण और नसबंदी नीतियों को लागू कर रही है, जो एक नरसंहार है। ‘उइगर ट्रिब्यूनल’ ने इसे मुस्लिमों या दूसरे समुदायों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध करार दिया था।
इसी तरह से अक्टूबर 2021 में खुलासा हुआ था कि चीन उइगर मुस्लिमों के अंगों को बेच रहा है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित अख़बार ‘द हेराल्ड सन’ ने चीन के ऑर्गन ट्रैफिकिंग का खुलासा किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि उइगर मुस्लिम के स्वस्थ लिवर को चीन 1,60,000 डॉलर्स (1.20 करोड़ रुपए) में बेचा जा रहा है। अख़बार के मुताबिक, इन धंधों से चीन को 1 बिलियन डॉलर (7492 करोड़ रुपयों) की कमाई हो रही है। 2017-19 के बीच 80,000 उइगर मुस्लिमों को देह-व्यापार का शिकार बनाया गया था। खास बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) को भी चीन के इस गोरखधंधे की जानकारी है।
हाल ही चीन के शिनजियांग क्षेत्र में आधी रात को गिरफ्तार हुई उइगर महिला हसिएत अहमत (57) को उसके पड़ोस के युवाओं को इस्लामिक शिक्षा देने और कुरान की प्रतियाँ छिपाने के लिए 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। ये भी खबर आई थी कि शिनजियांग में मुस्लिम महिलाओं को जबरन सूअर का मांस खाने और शराब पीने के लिए मजबूर किया जाता है।