“कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के एजेंट शामिल थे”- यह दावा एक स्वतंत्र ब्लॉगर पत्रकार जेनिफर ज़ेंग (Jennifer Zeng) ने किया है। उन्होंने कहा है कि चीन का उद्देश्य भारत और पश्चिम के बीच कलह पैदा करके भारत को फँसाना था। बता दें कि जेनिफर जेंग एक चीनी मूल की मानवाधिकार कार्यकर्ता, ब्लॉगर और पत्रकार हैं, जो वर्तमान में अमेरिका में रह रही हैं।
Independent blogger Jennifer Zeng alleges China hand in Nijjar killing in Canada
— ANI Digital (@ani_digital) October 9, 2023
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एक तरफ जहाँ कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ रहे हैं। वहीं, अब एक स्वतंत्र ब्लॉगर के खुलासे से से पूरे मामले में एक नया मोड़ आया है। जेनिफर ज़ेंग ने दावा किया है कि चीन ने निज्जर की हत्या इसलिए करवाई ताकि भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ जाएँ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ताइवान के संबंध में शी जिनपिंग की सैन्य रणनीति से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया किया गया।
यूट्यूबर लाओ डेंग के हवाले से जेंग ने दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट एक अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर जेंग ने हरदीप सिंह निज्जर की मौत को हत्या करार देते हुए दावा किया कि कनाडा में निज्जर की हत्या के बारे में चौंकाने वाले खुलासे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर से ही सामने आए हैं। साथ ही आरोप लगाया कि हत्या सीसीपी एजेंटों द्वारा की गई थी। ब्लॉगर जेंग ने एक चीनी लेखक और यूट्यूबर लाओ डेंग का भी जिक्र किया, जिसके हवाले से उन्होंने ये जानकारी दी। फिलहाल, डेंग अब कनाडा में रहते हैं।
बता दें कि इस साल जून में, आतंकवादी हरदीप निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं इस पूरे मामले में लाओ ने बताया कि इस साल जून महीने में चीन की ओर से एक उच्च अधिकारी को ‘इग्निशन प्लान’ का हिस्सा बनाकर सिएटल भेजा गया था। वहाँ एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी। उन्होंने दावा किया कि एजेंट्स को कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने का काम सौंपा गया था। बैठक के बाद सीसीपी एजेंटों ने सावधानीपूर्वक हत्या की योजना को अंजाम दिया।
ब्लॉगर ने आरोप लगाया कि 18 जून को साइलेंट बंदूकों से लैस एजेंटों ने निज्जर को ट्रैक किया। जब काम पूरा हो गया तो उन्होंने सबूत को मिटाने के लिए निज्जर की कार में लगे डैश कैमरे को नष्ट कर दिया। बाद में ये एजेंट भाग गए। इतना ही नहीं इन लोगों ने सभी सबूतों को नष्ट करने के लिए अपने हथियार को भी जला दिए और अगले दिन कनाडा छोड़कर चले गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि हत्यारों ने जानबूझकर भारतीय उच्चारण वाली अंग्रेजी भी सीखी थी। फिलहाल, इन आरोपों पर चीनी विदेश मंत्रालय या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बना कनाडा
गौरतलब है कि भारत के मोस्ट वांटेड इनामी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत पर आरोप लगाकर इंटरनेशल स्तर पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा कनाडा आतंकियों-गैंगस्टरों की सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है। जहाँ पहले आतंकी-गैंगस्टर भारत में हमला करने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भागते थे, वहीं अब फर्जी दस्तावेजों के दम पर सीधे कनाडा भाग रहे हैं।
बता दें कि कनाडा में बैठे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों और गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने पिछले 10 सालों में 26 बार रिक्वेस्ट भेजी है, लेकिन कनाडा ने भारत की एक भी रिक्वेस्ट पर गौर नहीं किया। कनाडा की खालिस्तानियों की ही पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) से समर्थन प्राप्त जस्टिन ट्रूडो सरकार, खालिस्तानियों के प्रभाव में इतनी है कि उसने प्रत्यर्पण को लेकर भारत की एजेंसियों से चर्चा तक नहीं की।