ओली सरकार बार-बार नेपाल के हुमला इलाके में चीनी घुसपैठ से इनकार कर रही है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कॉन्ग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जीवन बहादुर शाही ने दावा किया है कि उन्हें चीनी अतिक्रमण के पुख्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल की ओली सरकार को निकम्मा बताते हुए कहा कि स्थलगत निरीक्षण के बाद हमारा निष्कर्ष है कि हमारी जमीन पर चीन द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है और चीन से कूटनीतिक वार्ता का कोई विकल्प नहीं है।
हाल ही में चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र में घुसपैठ कर नौ इमारतों के निर्माण का जायजा लेने हुमला से निर्वाचित प्रदेश सांसद जीवन बहादुर शाही, हुमला जिले के लापचा गए थे। जिसके बाद उन्होंने दावा किया है कि उन्हें अतिक्रमण के पुख्ता सबूत मिले हैं।
खबरहब न्यूज़ को दिए अपने एक इंटरव्यू में शाही ने बताया कि उन्हें जमीन पर हुए अतिक्रमण के बारे में विस्तृत जानकारी है। उन्होंने बताया कि,”हमें सूचित किया गया था कि चीन ने नेपाल की भूमि पर अतिक्रमण किया है और यहाँ तक कि पिलर 12 पर हमारी सीमा रेखा पार करने वाली संरचनाओं का निर्माण भी शुरू कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “नेपाल सरकार चीन द्वारा किए गए अतिक्रमण को छुपाने की कोशिश कर रही है, जबकि हमने खुद देखा है कि चीन ने इमारतों का निर्माण किया है। हमारे साथ फील्ड विजिट पर कुछ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे और उन्होंने भी इस गड़बड़ी को महसूस किया है।” शाही ने जोर देते हुए कहा, “मुझे नहीं पता आखिर क्यों सरकार कहती है कि चीन ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की है?”
शाही ने आगे कहा, “सीमा स्तंभों का मूल सिद्धांत यह है कि जब भी कोई नया स्तंभ स्थापित किया जाना है, तो उसे पहले दोनों पक्षों के अधिकारियों के समन्वय में व्यवस्थित किया जाना चाहिए। हालाँकि, इस सिद्धांत का उल्लंघन किया गया है। चीन द्वारा पिलर 12 नवनिर्मित है।”
अतिक्रमण के बारे में खुलकर बोलते हुए शाही ने कहा, “चीन ने हुमला के लोगों के लिए भोजन की सप्लाई करने वाले ट्रकों को अनुमति देने से मना कर दिया है। यहाँ के लोगों का जीवन नरक बन चुका है। सीमावर्ती इलाके के लोग चीन की इन हरकतों की वजह से बहुत पीड़ित हैं।”
साथ ही, उन्होंने कहा, “जिस टेलीफोन टावर को मैंने इस क्षेत्र में स्थापित करने का प्रयास किया था, उसे चीन ने नष्ट कर दिया है और इसकी जगह स्थानीय लोगों को चीनी सिग्नल और चीनी टॉवर का उपयोग करने के लिए मजबूर कर रहा है।”
उन्होंने बताया कि चीन द्वारा नेपाल के इलाके में किए गए अतिक्रमण के पर्याप्त सबूत आम जनता के पास हैं। उन्होंने नेपाली सरकार पर हमला करते हुए कहा,”सरकार वास्तविकता को स्वीकार नहीं करना चाहती है। मेरे पास अतिक्रमण के सबूत है। जरूरत पड़ने पर मैं आपको सबूत भी दे सकता हूँ।”
नेपाल भूमि पर चीन द्वारा किए गए अतिक्रमण और ओली सरकार के रवैए को लेकर जीवन बहादुर शाही हुमला ने कहा, “मैं सिमिकोट लौटकर एक रिपोर्ट तैयार करूँगा और इसे एनसी सेंट्रल कमेटी को सौंप दूँगा। पार्टी इस मुद्दे पर आगे फैसला करेगी। इसके अलावा मुझे पता चला है कि हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी को सच बोलने के लिए माफी माँगने के लिए कहा गया है। मैं इन मुद्दों को प्रांत सभा में भी उठाऊँगा।”
गौरतलब है कि, हुमला के लापचा-लिमी क्षेत्र की हालिया तस्वीरों से पता चला था कि चीन ने क्षेत्र में अब तक नौ इमारतें बना ली हैं। बावजूद इसके भारतीय इलाकों पर दावा ठोकने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपनी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण पर चुप्पी साध रखी है।
ज्ञात हो कि हाल ही में नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी नेपाली कम्यूनिस्ट पार्टी ने यूनिफाइड नेपाल नेशनल फ्रंट के साथ हाथ मिलाकर ग्रेटर नेपाल के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान में भारतीय शहरों जैसे देहरादून और नैनीताल को नेपाल का होने का दावा किया है। अपने अवैध दावे में भारतीय शहर उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार और सिक्किम को भी अपने ‘ग्रेटर नेपाल’ अभियान में नेपाल का हिस्सा बताया है।