जहाँ एक तरफ भारत में कुछ प्रपंची वामपंथी और विपक्षी नेता ये कह रहे थे कि मोदी सरकार द्वारा 59 चीनी एप्लीकेशंस को बैन करने से चीन का क्या बिगड़ जाएगा, वहीं दूसरी तरफ चीन भारत के इस क़दम से बौखला गया है और उसने अपने बयान में कहा है कि वो जल्द ही इसकी पूरी समीक्षा कर के आगे क़दम उठाएगा। चीन ने कहा है कि वो भारत सरकार के इस क़दम से ख़ासा चिंतित है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने एप्स बैन किए जाने के मुद्दे पर कहा कि चीन ताज़ा स्थिति की पुष्टि के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि चीन की सरकार का हमेशा इस बात पर जोर रहता है कि चीनी कम्पनियाँ अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों और स्थानीय विधान का पालन करते दूसरे देशों में कारोबार करें। साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के हितों की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है।
अभी तो भारत ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देना शुरु ही किया है लेकिन चीन से पहले उसके यहाँ के झंडाबरदारों को ये चीजें बुरी लग जा रही हैं। इसीलिए चीन का बयान बाद में आया, यहाँ हंगामा पहले शुरू हो गया। कॉन्ग्रेस नेताओं और सोशल मीडिया लिबरल्स ने इसका विरोध किया। कइयों ने TikTok द्वारा पीएम केयर्स में 30 करोड़ रुपए देने की बात करते हुए सरकार पर सवाल दागना शुरू कर दिया।
We want to stress that Chinese Govt always asks Chinese businesses to abide by international & local laws-regulations. Indian Govt has a responsibility to uphold the legal rights of international investors including Chinese ones: Zhao Lijian, Chinese Foreign Ministry spokesperson https://t.co/2Q668cSstA pic.twitter.com/MfcKm7ZiLV
— ANI (@ANI) June 30, 2020
महाराष्ट्र के वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भारत सरकार के फैसले के विरोधस्वरूप ये माँग कर दी है कि नमो ऐप भी प्रतिबंधित होना चाहिए। उन्होंने नमो ऐप पर डेटा चुराने और लोगों की प्राइवेसी से खिलवाड़ करने तक के आरोप मढ़ दिए। ट्विटर पर प्रशांत भूषण और स्वाति चतुर्वेदी जैसे लोगों ने पूछा कि TikTok ने जो रुपए दिए हैं, क्या उसे लौटाया जाएगा? हालाँकि, लोगों ने ऐसे प्रपंचियों को भरपूर जवाब दिया।
वहीं उधर TikTok ने भी अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सरकार ने चीन के 59 एप्लीकेशंस को प्रतिबंधित किया है और वो इस आदेश के पालन की प्रक्रिया में हैं। साथ ही TikTok ने ये भी जानकारी दी है कि उसके लोग भारत सरकार में इस मामले से जुड़े लोगों से संपर्क में है और जल्द ही वो उनसे मिल कर अपना स्पष्टीकरण देने वाले हैं। TikTok ने कहा कि वो भारत सरकार के नियम-क़ानून के दायरे में रहते हुए डेटा की प्राइवेसी और सिक्योरिटी की ज़रूरतों का ख्याल रखता है।
बता दें कि एप्स के प्रतिबंधित होने का मामला आगे एक समिति के पास जाएगा। मंत्रालय के संयुक्त सचिव इस समिति के अध्यक्ष हैं। हालाँकि, इसमें कई अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। प्रतिबंधित एप्स का प्रबंधन समूह इस समिति के समक्ष अपना पक्ष रख सकता है। इसके बाद ये समिति तय करेगी कि प्रतिबंध जारी रखा जाए या हटा दिया जाए। अब इन एप्स का भारतीय वर्जन्स बनाने पर जोर दिया जा रहा है।