Monday, November 18, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयचीन ने छात्रों को ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाने से रोका, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को किया गिरफ्तार:...

चीन ने छात्रों को ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाने से रोका, ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को किया गिरफ्तार: दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ी दरार

चीन के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी वहाँ की एजेंसियों को कह रहे हैं कि वो छात्रों को सलाह देते समय ऑस्ट्रेलिया के किसी भी यूनिवर्सिटी की अनुशंसा न करें, ताकि चीनी छात्र वहाँ दाखिला न ले पाएँ।

चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में दरार बढ़ती ही जा रही है। चीन ने अब ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों का बॉयकॉट शुरू कर दिया है और वहाँ के एजेंट्स चीनी छात्रों से कह रहे हैं कि वो ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने नहीं जाएँ। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज पहले से ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मंदी से जूझ रही है, ऐसे में इसका उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मेलबर्न विश्वविद्यालय के उप-कुलपति डंकन मास्केल ने भी इसकी पुष्टि की है।

ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज ऐसी हैं, जिनकी आय का एक बड़ा हिस्सा विदेशी छात्रों से ही आता रहा है। लेकिन, महामारी के बाद सीमाओं को सील किए जाने और फ्लाइट्स पर पाबंदी लगने के कारण उनकी हालत पस्त हो गई है। 2019-20 में ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा क्षेत्र से ही वहाँ की अर्थव्यवस्था को $37.5 बिलियन (275900 करोड़ रुपए) का योगदान मिला था। वैक्सीन के आने के बाद उम्मीद है कि रौनक फिर लौटेगी।

लेकिन, चीन ने परेशानी खड़ी कर दी है। चीन के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी वहाँ की एजेंसियों को कह रहे हैं कि वो छात्रों को सलाह देते समय ऑस्ट्रेलिया के किसी भी यूनिवर्सिटी की अनुशंसा न करें, ताकि चीनी छात्र वहाँ दाखिला न ले पाएँ। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री एलेन टज ने चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए ऑस्ट्रेलिया सबसे सुरक्षित और सबसे बेहतर स्थानों में से एक है।

उन्होंने कहा कि चीन अफवाहें फैला रहा है और वो लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनका देश शिक्षा के लिए सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि हम रेसिज्म और हिंसा को बर्दाश्त नहीं करते हैं, जबकि चीन खुद को बाकियों से श्रेष्ठ समझता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ग्लोबल टाइम्स ने भी दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी छात्रों पर हिंसक हमले हो रहे हैं और इससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

उधर चीन में काम करने वाले पत्रकार भी चीन छोड़ कर भाग रहे हैं। चीन के सरकारी टीवी सीजीटीएन में कार्यरत एक ऑस्ट्रेलियाई कर्मचारी को ‘अवैध’ रूप से देश की गोपनीय सूचनाओं को चीन से बाहर भेजने के संदेह में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। चीनी अधिकारियों का दावा है कि चेंग को अवैध रूप से देश की गोपनीय सूचनाओं को बाहर भेजने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने कुछ ही महीनों पहले कहा था कि चीन को खुद पर शर्म आनी चाहिए। पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा था कि सैन्य गतिविधि देश के राष्ट्रीय हितों का मसला है और इस बारे में उनका देश ही तय करेगा। उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया अब चीन के दबाव के आगे नहीं झुकेगा। असल में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को अपने दूतावास के माध्यम से दस्तावेजों का पिटारा सौंपा था, जिसमें 14 शिकायतों की सूची है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -