एक महिला विरोधी फरमान को लेकर चीन के शिक्षा विभाग की आलोचना हो रही है। चीनी शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में लड़कियों के साथ रहते-रहते लड़कों में ‘लड़कियों वाले गुण’ आ रहे हैं। लिहाजा उन्हें ‘मर्दाना गुण’ देने के लिए नई तरह की शिक्षाएँ दी जाएँगी। इसके तहत चीनी छात्रों को शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। कई लोग इसे महिलाओं के खिलाफ दुर्भावना के रूप में देख रहे हैं।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को सहिष्णु और विविधता वाली शिक्षा देनी चाहिए। इस प्रस्ताव का नाम है- ‘चीन के टीनएजर लड़कों में स्त्री वाले गुण विकसित होने से रोकना’। चीन के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इससे युवावस्था में मानसिक अवस्था से जुड़े रिसर्च में मदद मिलेगी। 2018 में ही इस बारे में चीन के नेताओं ने कहा था कि अगर चीन के युवाओं में लड़की वाले गुण बढ़ने से नहीं रोका गया तो ये देश की स्थिरता और विकास में बाधक बनेगा।
चीन के नेताओं ने इस प्रस्ताव पर बहस में कहा था, “आजकल चीन के लड़कों में कायरता बढ़ रही है। उनके भीतर आत्मविश्वास कम हो रहा है। साथ ही उनके अंदर कमजोरी वाले लक्षण नजर आ रहे हैं। वो ‘प्रीटी बॉय सुपरस्टार्स’ की तरह बनते जा रहे हैं।” इन नेताओं का कहना है कि ऐसा इसीलिए हुआ होगा, क्योंकि नर्सरी से लेकर कॉलेजों तक इन छात्रों को अधिकतर कक्षाओं के कई विषयों में महिला शिक्षक ही मिलते हैं।
China is also revamping gym classes to make students more “masculine”.
— WION (@WIONews) February 4, 2021
Beijing’s plans have sparked a furore on social media.https://t.co/7IT74MWcFb
साथ ही टीवी और फिल्मों में ‘प्रिटी बॉयज’ को दिखाए जाने को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट Weibo पर इस सम्बन्ध में 200 करोड़ से अधिक बार लोग चर्चा कर चुके हैं। चीनी शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा के अलावा महिलाओं एवं पुरुषों को उनकी ‘जिम्मेदारियों और कर्तव्यों’ की याद दिलानी भी ज़रूरी है। मंत्रालय का कहना है कि लड़के अपने आचरण, मनोभाव और शारीरिक गठन में ‘सख्ती’ लाएँ, क्योंकि यही ‘मर्दों की खूबसूरती’ है।
चीन में महिलाओं को लेकर आम लोगों की सोच भी खास अच्छी नहीं है। मुल्क में 40% शादीशुदा या रिश्ते में आ चुकी महिलाएँ यौन हिंसा और मारपीट का शिकार होती हैं। ‘ऑल चाइना वीमन्स फेडरेशन (All-China Women’s Federation)’ ने ये आँकड़े जारी किए थे। चीन ऊपर से तो संपन्न और आधुनिक दिखता है, लेकिन महिलाओं के साथ हिंसा और उनके साथ होने वाले भेदभाव की कई घटनाएँ सामने आती रहती हैं।
हाल ही में ये ही खबर आई थी कि चीन में कैसे कोई भी चीज तैयार करवाने के लिए मजदूरों से से दिन-रात काम करवाया जाता है। वह मुश्किल से दो-चार घंटे सो पाते हैं। हालात इतने बुरे होते हैं कि सपने में भी उन्हें सिर्फ़ वही काम दिखाई देता है। लोगों से ऐसे काम करवाने के लिए चीन में बाकायदा एक कैंप है जिसका नाम- ‘मसंजिया’ रखा गया है। एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे मजदूरों के हाथ कागज रगड़ते-रगड़ते हाथ छिल जाते हैं।