चीन का उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार (दिसंबर 27, 2020) को काठमांडू पहुँचा और तुरंत ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) को टूट से बचाने के काम में लग गया। नेपाल में अब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने में चीनी राजदूत होउ यांकी सफल नहीं हो पाई हैं, इसीलिए बीजिंग से गुओ येझोउ के नेतृत्व में 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सब ठीक करने के इरादे से आया है। भारत के अधिकारियों के हालिया दौरों से भी चीन नाराज है।
गुओ येझोउ चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप-मंत्री हैं। दिसंबर 20 को पीएम ओली द्वारा संसद भंग किए जाने की घोषणा के बाद चीन की ये टीम काठमांडू आई है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के सहयोगी भेष राज अधिकारी ने बताया कि चीनी टीम ने नेपाल के राष्ट्रपति से मुलाकात की है। लेकिन, ‘शीतल निवास’ ने इस बैठक के सम्बन्ध में कोई भी विवरण साझा करने से इनकार कर दिया है।
इसके बाद शाम के 7:30 बजे चीनी टीम बालूवाटर पहुँची और वहाँ पीएम ओली के साथ उसकी बैठक हुई। नेपाल के वित्त मंत्री और NCP के राष्ट्रीय महासचिव बिष्णु पौडेल भी इस बैठक में मौजूद रहे। ये बैठक 2 घंटों तक चली। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो इस बैठक का हिस्सा नहीं था। चीन ने ही मई 2018 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी का गठन करवाया था, ऐसे में वो इसके टूट के कारण अपने निवेश पर होने वाले असर की आशंका से चिंतित है।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बीजिंग बुला कर ट्रेनिंग दी है। NCP ने सितम्बर 2019 में 2 दिनों का एक कार्यक्रम रखा था, जिसमें CCP के कई नेता आए थे। साथ ही राजदूत होउ यांकी ने किस तरह दो-दो बार विवाद को स्थिर किया, इसकी भी मीडिया में खूब रिपोर्टिंग हुई। चीन पीएम ओली के संसद भंग करने के निर्णय से भी हतप्रभ रह गया था। ऐसे में चीन का ये प्रतिनिधिमंडल सीधे राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सन्देश लेकर नेपाल आया है।
जियोपोलिटिकल और सुरक्षा कारणों से चीन नहीं चाहता है कि नेपाल की सत्ताधारी पार्टी टूटे। मई में नेपाल में चुनाव होने की भी बात कही जा रही है, ऐसे में देखना होगा कि चीन क्या रुख अपनाता है। नेपाल में चीन का भारी निवेश है और उसकी टीम स्थिति का यही आकलन करने आई है कि नई परिस्थितियों में उस निवेश पर क्या असर पड़ेगा। नेपाल में चीनी टीम ने नेपाल पुलिस की सुरक्षा को भी ठुकरा दिया है।
Guo Yezhou, vice minister in the international department of the Chinese Communist Party visits #Nepal amidst a virtual split in the ruling party.https://t.co/RegezoQccI
— Nepali Times (@NepaliTimes) December 27, 2020
चीन की इस टीम का विरोध भी खूब हुआ, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। चीनी दूतावास के बाहर 27 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। RAW के मुखिया सुमंत गोयल, भारतीय सेना प्रमुख MN नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के बाद ओली के भारत विरोधी तेवर ढीले पड़े थे। भारत की तरफ से इन तीन दौरों ने नेपाल में चीन को चिंतित कर दिया है।
पोखरा में चीन एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बना रहा है। साथ ही काठमांडू में रिंग रोड का विस्तारीकरण किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण चीनी निवेशों को धक्का लगा है। सुरक्षा कारणों से भी चीन NCP में टूट के खिलाफ है। नेपाल की राजनीति में चीन इस तरह से कभी सक्रिय नहीं रहा। अब चीन इसीलिए नाखुश है क्योंकि वो NCP नेताओं के बीच ‘गिव एंड टेक’ पर सहमति नहीं बन पाई। ऊपर से लोग चीन का विरोध भी कर रहे हैं।