अमेरिका की 22 वर्षीय वीडियोग्राफर बेली क्राव्ज़िक ने सेक्स को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मजहबी परवरिश इस तरह से की गई थी कि वह सेक्स को पाप मानने लगीं और इससे डरने लगीं। इसका नतीजा यह हुआ कि उनकी योनि (vagina) सामान्य लड़कियों की तरह नहीं रहीं। उन्हें पेनेट्रेशन (सेक्स) के समय काफी ज्यादा दर्द हुआ। पीरियड के दिनों में भी टैम्पोन तक इस्तेमाल नहीं कर पाती थीं। बेली वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में वीडियोग्राफर हैं।
ईसाई धर्म से ताल्लुक रखने वाली बेली क्राव्ज़िक ने बताया कि 13 साल की उम्र में ही उन्हें तब कुछ अलग महसूस होने लगा, जब वह टैम्पोन (पीरियड में सैनिटरी पैड्स की जगह इस्तेमाल करने वाली एक अन्य चीज) का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थीं। इसके बाद उन्होंने सोचा कि हो सकता है कि अभी उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, इसलिए ऐसा हो रहा है।
लेकिन 2020 में, जब वह 21 साल की हुईं, तब भी वह टैम्पोन का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थीं। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से दिखाया को पता चला कि उन्हें वैजिनिस्मस (vaginismus) की समस्या है। इसकी वजह से टैम्पोन डालने या पेनेट्रेशन के समय काफी दर्द होता है।
इसके बाद उसने इस बीमारी को ठीक करने की दिशा में काम करना शुरू किया तो यह जानकर हैरान रह गईं कि उनकी धर्मनिष्ठ ईसाई परवरिश में महिलाओं के लिए सेक्स के बारे में आम मिथकों की वजह से आज उनकी यह स्थिति है। बेहद ही धार्मिक परिवार में पले-बढ़े, बेली ने कम उम्र से ही सेक्स को पाप से जोड़ दिया था। इसके अलावा उन्हें बताया गया था कि सेक्स दर्दनाक होता है और खून निकलता है।
वह कहती हैं, “मेरे अंदर यह (वैजिनिस्मस की समस्या) जहरीली संस्कृति में विकसित हुआ। मैं एक सख्त धार्मिक माहौल में पली-बढ़ी हूँ, जहाँ मुझे सेक्स को पाप और दर्द से जोड़ कर बताया गया। मुझे यह भी याद है कि स्कूल में पढ़ाया गया था कि सेक्स दर्दनाक होता है।”
बेली क्राव्ज़िक ने आगे बताया, “मैं महिलाओं को यह बताना चाहती हूँ कि उन्हें इस तरह जीने की जरूरत नहीं है। आप टैम्पोन लगा सकती हैं या नहीं, इससे कहीं ज्यादा प्रभाव आपके रिश्ते, बच्चे पैदा करने की क्षमता और सेक्स पर पड़ता है। इस समस्या की वजह से आप सेक्स का आनंद नहीं ले पाएँगी। यह न केवल आपको शारीरिक रूप से परेशान करेगा बल्कि मानसिक रूप से भी यह बहुत कठिन है।”