Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयतुर्की के सरकारी कोयला खदान में विस्फोट, कम-से-कम 25 की मौत: 110 लोग कर...

तुर्की के सरकारी कोयला खदान में विस्फोट, कम-से-कम 25 की मौत: 110 लोग कर रहे थे काम, दर्जनों लोगों के फँसे होने की आशंका

इससे पहले भी तुर्की में इस तरह की घटना हो चुकी है। साल 2014 में तुर्की के पश्चिमी शहर सोमा की कोयला खदान में विस्फोट के बाद 301 लोगों की मौत हो गई थी। यह तुर्की के सबसे बड़ी खदान आपदाओं में से एक थी।

यूरोपीय मुल्क तुर्की (Turkey) में शुक्रवार (14 अक्टूबर 2022) को एक कोयला खदान में विस्फोट के कारण कम-से-कम 25 लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग उसमें फँसे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जिस समय यह विस्फोट हुआ, उस समय खदान में 110 से अधिक लोग काम कर रहे थे।

तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका (Health Minister Fahrettin Koca) ने कहा कि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि सरकार की स्वामित्व वाली तुर्की हार्ड कोल एंटरप्राइजेज की खदान में विस्फोट के कारण वहाँ कितने लोग फँसे हुए हैं। वहीं, घायल 17 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इससे पहले गृह मंत्री सुलेमान सोयलू (Suleyman Soylu) ने कहा कि विस्फोट के समय 49 लोग जमीन से 300 मीटर और 350 मीटर (985 से 1,148 फीट) नीचे काम कर रहे थे। उन्होंने इसे जोखिम वाला क्षेत्र बताया था। उन्होंने कहा कि वहाँ फँसे कुछ लोगों को निकाल लिया गया है, जबकि कुछ लोग वहाँ अभी भी फँसे हुए हैं।

उधर तुर्की के ऊर्जा मंत्री फातिह डोनमेज़ ने कहा कि शुरुआती संकेत से ये पता चलता है कि विस्फोट फायरएम्प के कारण हुआ है, जो मीथेन गैस है और खदान में विस्फोट का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि खदान के अंदर आग नहीं लगी है, लेकिन अंदर का वेंटिलेशन ठीक से काम कर रहा है। खदान का अंदरुनी हिस्सा आंशिक रूप से ढह गया है।

अमासरा के मेयर रेकाई काकिर (Recai Cakir) ने कहा कि जो लोग बच गए उनमें से कई को गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना में एक खदानकर्मी भागने में सफल रहा। उसने बताया, “वहाँ धूल और धुआँ फैला हुआ था और हमें नहीं पता कि वास्तव में क्या हुआ था।”

राहत एवं बचाव कर्मी रात में ही फँसे हुए लोगों को निकालने के लिए खुदाई कर उन तक पहुँचने की कोशिश की काम शुरू कर दिया है। यह खदान काला सागर के तटवर्ती इलाके अमासरा में स्थित है।

बता दें कि इससे पहले भी तुर्की में इस तरह की घटना हो चुकी है। साल 2014 में तुर्की के पश्चिमी शहर सोमा की कोयला खदान में विस्फोट के बाद 301 लोगों की मौत हो गई थी। यह तुर्की के सबसे बड़ी खदान आपदाओं में से एक थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।

भारत में न्यूक्लियर टेस्ट हो या UN में दिया हिंदी वाला भाषण… जानें अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन कैसे दूसरे नेताओं के लिए भी...

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक सशक्त राजनेता थे, बल्कि वे एक संवेदनशील कवि, एक दूरदर्शी विचारक और एक फक्कड़ व्यक्तित्व के धनी थे।
- विज्ञापन -