भारत से चल रहे तनाव के बावजूद पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को मज़बूर हो गया है। पाकिस्तान ने निर्णय लिया है कि जाधव को वियना संधि के तहत काउंसलर एक्सेस दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने भारत द्वारा काउंसलर एक्सेस की तमाम माँगों को खारिज करते हुए जाधव को मौत की सज़ा सुना दी थी। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय में पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा और उसे जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा गया।
Pak offers consular access to Kulbhushan Jadhav. India Today’s @hamzaameer74 and @Geeta_Mohan join us for more on this. #ITVideo
— India Today (@IndiaToday) September 1, 2019
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पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रॉ एजेंट और भारतीय जासूस बताते हुए आतंकवादी होने तक का आरोप लगाया। हालाँकि, यहाँ स्पष्ट कर देना ज़रूरी है कि पाकिस्तान ने अवैध रूप से जाधव का अपहरण किया और ग़लत चार्ज फ्रेम किए। कुलभूषण जाधव को सोमवार (सितम्बर 2, 2019) को काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया जाएगा। ये रहा पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के ट्वीट्स:
Consular access for Indian spy Commander Kulbhushan Jadhav, a serving Indian naval officer and RAW operative, is being provided on Monday 2 September 2019, in line with Vienna Convention on Consular relations, ICJ judgement & the laws of Pakistan.
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) September 1, 2019
ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की अनुमति मिली है। इससे पजल पाकिस्तान हमेशा से भारत के रिक्वेस्ट को टालता रहा था। अंतरराष्ट्रीय न्यायलय ने पाकिस्तान को जाधव की सज़ा पर पुनर्विचार करने का भी आदेश दिया था। हालाँकि, पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ऐसा पाकिस्तान के क़ानून के तहत किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि वियना संधि, अंतररष्ट्रीय न्यायलय के आदेश और पाकिस्तानी क़ानून के तहत ऐसा किया जा रहा है।
पाकिस्तान को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तान का यह क़ानून इससे पहले कहाँ था? बैकफुट पर आने और अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में किरकिरी होने से पहले ऐसा क्यों नहीं किया गया?