रूस के साथ युद्धग्रस्त यूक्रेन में एक अलग ही मानव त्रासदी का खतरा उत्पन्न हो रहा है। अपनी जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक पलायन कर दूसरे देशों में अपने लिए सुरक्षित आसरे की तलाश कर रहे हैं। लेकिन मानव तस्करी करने वाले आपराधिक गिरोह यूक्रेन की महिलाओं को ‘सेक्स स्लेव’ या यौन कार्यों के लिए गुलाम बना रहे हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 10 लाख से भी अधिक यूक्रेनी नागरिक अपना देश छोड़ चुके हैं। इनमें अधिकतर महिलाएँ हैं। यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र को इस बात का डर है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से करीब 70 लाख लोग पोलैंड, मोल्दोवा, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी जैसे पड़ोसी देशों में जा सकते हैं, जिससे मानव तस्करी की भयावह घटनाएँ सामने आएँगी।
इस बात की प्रबल आशंका जताई जताई जा रही है कि जान बचाकर भागने वालों में कुछ सेक्स वर्कर बन जाएँगे, अपराधों में शामिल होंगे और कुछ से बंधुआ मजदूरी कराई जा सकती है।
बताया जाता है कि युद्ध का समय मानव तस्करों के लिए गोल्डेन पीरियड होता है। ऐसे तत्व इन परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए पीड़ितों को मुफ्त यात्रा, रहन-सहन और नौकरियों का लालच देते हैं। इसी तरह की एक पीड़ित 27 साल की यूक्रेनी महिला ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने एक दोस्त से सुना जो पोलैंड गया था मुझे बताया कि वह एक लड़के के साथ गई थी, जिसने कहा था कि वह उसे मुफ्त में वारसॉ ले जाएगा, लेकिन जब वे वहाँ पहुँचे तो उसने पैसे माँगे।”
महिला ने बताया कि वो हमलावर हो गया था, लेकिन सिर्फ यह कहकर वो लड़की के साथ फिजिकल नहीं हुआ कि उसके पास उसके पैसे हैं और उसके लिए काम करके उसे चुकाना होगा। आखिरकार किसी तरह से वो उसके चंगुल से बचकर भागने में सफल रही।
हालात होंगे बदतर
एक चैरिटी में ह्यूमन ट्रैफिकिंग पॉलिसी की एक्सपर्ट लॉरेन एग्न्यू ने कहा कि युक्रेन युद्ध मानव तस्करी के हालातों को और बदतर कर देगा। विशेषज्ञ ने यूक्रेनियों की मानव तस्करी को रोकने के लिए समूचे यूरोप के देशों को और अधिक अलर्ट होने की जरूरत है। उनका कहना है कि यूक्रेनी शरणार्थी जिन देशों में भागकर जा रहे हैं वो देश आपराधिक गिरोहों के लिए हॉट स्पॉट की तरह हैं शरणार्थी उनके लिए विकास का स्रोत होंगे।