अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क कोर्ट में गुरुवार (30 मई 20) को करीबन 34 मामलों में दोषी करार दिया गया है। अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि कोई पूर्व राष्ट्रपति, कोर्ट में दोषी पाया गया हो। करीबन 6 हफ्ते चली सुनवाई के बाद न्यूयॉर्क की कोर्ट ने अपना यह निर्णय दिया।
ट्रंप के खिलाफ आरोप था कि उन्होंने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को पैसे देकर चुप कराया ताकि उनके चुनावों पर प्रभाव न पड़े। इसके अलावा चुनावी प्रचार के दौरान बिजनेस रिकॉर्ड में हेराफेरी भी की ताकि उसका मुनाफा वो चुनाव प्रचार में ले सकें। ट्रंप के विरुद्ध ये सारे मामले राष्ट्रपति बनने से पहले दर्ज हुए थे। 2016 में इन केसों को शुरू किया गया था। इसके बाद उनके ऊपर आपराधिक केस चला।
न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट ने 6 हफ्तों में 22 गवाहों को सुनने के बाद अपना निर्णय दिया है। इन गवाहों में स्टॉर्मी डेनियल्स का नाम भी था। उन्होंने तो कोर्ट में बाथरूम और बेडरूम से जुड़ी ऐसी बातें बता डाली थीं कि जज को खुद उन्हें चुप होने को कहना पड़ा था। जजों ने इस मामले में फैसला सुनाने के बाद दो दिन तक विचार विमर्श किया, फिर 12 मेंबर की ज्यूरी ने ट्रंप को दोषी करार दिया।
अब पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को सजा क्या दी जाएगी इस पर कोर्ट 11 जुलाई 2024 को अपना फैसला देगा, लेकिन इस बीच जो सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है वो ये कि क्या इन आरोपों के सिद्ध होने के बाद ट्रंप को अमेरिका में चुनाव लड़ने का अधिकार होगा या फिर नहीं?
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट के निर्णय से ट्रंप के चुनाव लड़ने न लड़ने के फैसले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अमेरिका में ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है जो उन्हें जेल से बतौर राष्ट्रपति सेवा देने से रोके। तो अगर, ऐसी स्थिति आती है, ट्रंप चुनाव लड़ते हैं, जीतते हैं तो उनके लिए पद छोड़ने का कोई संकट नहीं आएगा। ये बात अलग है कि न्यायिक व्यवस्था इस पर अपने हिसाब से निर्णय लेकर कोई और रास्ते का सुझाव दे।
अप्रैल में आए एक एमर्सन पोल के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए 43 फीसद लोगों ने डॉनल्ड ट्रंप को पंसद किया था वहीं 42 ने बाइडेन को। ऐसे में दोनों के बीच आगामी चुनावों में कड़ाके की टक्कर हो सकती है। 11 जुलाई के बाद ट्रंप अगर जेल जाते भी हैं तो उन्हें चुनाव कैंपेन करने का अधिकार होगा, लेकिन दोषी पाए जाने के बाद वो चुनावों के मतदान में शामिल हो पाएँगे या नहीं, ये अभी पुष्टि नहीं हो सकती।
दरअसल, ट्रम्प अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के निवासी हैं और वहाँ का नियम कहता है कि अगर कोई शख्स किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो उससे वोट करने का अधिकार छीन लिया जाता है। हालाँकि सजा पूरी होने के बाद उसे वो अधिकार वापस मिल जाता है। ट्रंप के मामले में सजा मुकर्रर होने के बाद निर्णय आने के बाद फैसला होगा कि उनके अधिकार छिनेगा या उनके पास ये अधिकार रहेगा।
बता दें कि ट्रंप से पूर्व अमेरिका में सदी पहले सिर्फ ‘यूजीन वी डेब्स’ एकलौते ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने जेल में रहकर राष्ट्रपति बनने के लिए कैंपेन चलाया था। उनके बाद से अमेरिका के इतिहास में अब तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें कोई दोषी करार शख्स चुनाव लड़ रहा हो। देखना है कि इस बार प्रथा बदलती है या वही रहेगी।
इससे पहले 5 अप्रैल 2023 को ट्रंप के खिलाफ मैनहैटन की कोर्ट में 34 आरोप तय किए गए थे। उस समय भी उनके खिलाफ पोर्न स्टार को चुप कराने और बिजनेस रिकॉर्ड में गलत जानकारी देने के आरोप लगे थे। इस बार भी उनके खिलाफ इन्हीं 34 मामलों में सुनवाई हुई।
न्यूयॉर्क की कोर्ट ने जब अपना निर्णय सुनाया तो ट्रंप बिलकुल चुप थे, उन्होंने फैसला सुनकर न में सिर हिलाया। उन्होंने कहा कि ट्रायल में धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने जज को भी भ्रष्टाचारी कहा। साथ ही बोले कि अब लोग 5 नवंबर को अपना फैसला देंगे। जो उन्हें कलंकित करने के लिए किया गया वो सब जानते हैं।