Monday, November 18, 2024
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मुशर्रफ की लाश को घसीटते हुए लाओ और D-चौक पर 3 दिन लटकाए रखो: पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने पाकिस्तानी एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि वो सज़ा की तामील के लिए मुशर्रफ को किसी तरह धर-दबोचें। पाकिस्तान की फौज इसीलिए भी सदमे में है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब वहाँ के किसी सेनाध्यक्ष को फाँसी की सज़ा सुनाई गई है।

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को वहाँ के सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा-ए-मौत दी है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट अपने फ़ैसले में यहीं नहीं रुका बल्कि उसने मरने के बाद भी मुशर्रफ के साथ क्या किया जाना है, इसे लेकर भी आदेश दिया। पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फ़ैसले के पॉइंट नंबर 66 के अनुसार, मरने के बाद मुशर्रफ की लाश को घसीट कर इस्लामाबाद के डेमोक्रेसी चौक तक लाया जाना चाहिए। बता दें कि इसे डी-चौक भी कहा जाता है, जो पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री दफ्तर, संसद और सुप्रीम कोर्ट के नजदीक ही है।

पाक सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि फाँसी देकर मारे जाने के बाद मुशर्रफ की लाश को घसीटते हुए डी-चौक तक लाया जाना चाहिए और वहाँ 3 दिनों तक उसे लटका कर रखा जाना चाहिए। विशेषकों का मानना है कि पाक सुप्रीम कोर्ट ने वहाँ की फौज को नीचा दिखाने के लिए ऐसा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पाक सेनाध्यक्ष जनरल मुशर्रफ को भगोड़ा बताते हुए कहा कि उसे सज़ा देना मुश्किल है क्योंकि वो भी काफ़ी ताक़तवर है। 167 पेज के फ़ैसले को कोर्ट ने लिखा है कि मुशर्रफ ने हमेशा अपनी बीमारी और सुरक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।

पाक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फौज के जिन लोगों ने मुशर्रफ को बचाने का प्रयास किया, वो सब भी इस मामले में बराबर के दोषी हैं। कोर्ट ने कहा कि यूनिफार्म और बूट पहने कुछ लोगों ने हमेशा मुशर्रफ का बचाव किया है। कोर्ट ने पाकिस्तानी एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि वो सज़ा की तामील के लिए मुशर्रफ को किसी तरह धर-दबोचें। पाकिस्तान की फौज इसीलिए भी सदमे में है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब वहाँ के किसी सेनाध्यक्ष को फाँसी की सज़ा सुनाई गई है। पाक सेना के प्रवक्ता आशिफ गफूर पहले ही कह चुके हैं कि मुशर्रफ को मिली सज़ा को लेकर फौज में गम का माहौल है।

पाक फौज ने कहा कि 40 सालों तक देश के लिए लड़ने वाला इंसान कभी भी देशद्रोही नहीं हो सकता। फौज ने कोर्ट की कार्यवाही को त्रुटिपूर्ण करार दिया। फौज के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें अब भी उम्मीद है कि इस मामले में पाकिस्तान के संविधान के अनुसार न्याय किया जाएगा। मुशर्रफ फ़िलहाल यूएई के दुबई में हैं। इस महीने उनकी तबियत भी ख़राब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल बेड से ही जारी किए गए एक वीडियो में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को आधारहीन बताया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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