संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रमुख शहर दुबई में नया हिंदू मंदिर दशहरे के पावन अवसर पर खुलने जा रहा है। यह मंदिर दुबई के जेबेल अली इलाके में बनाया गया है। मंगलवार (4 अक्टूबर 2022) मतलब आज के ही दिन इसका भव्य उद्घाटन किया जाना है। दर्शनार्थियों को इस मंदिर में दशहरे मतलब 5 अक्टूबर से प्रवेश मिलेगा।
मंदिर के ट्रस्टियों में से एक राजू श्रॉफ ने गल्फ न्यूज को सोमवार (3 अक्टूबर 2022) को बताया, “यूएई के शासकों और सामुदायिक विकास प्राधिकरण के सहयोग से हम मंगलवार शाम दुबई में हिंदू मंदिर का आधिकारिक रूप से उद्घाटन करने जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी में उद्घाटन समारोह होगा। इस दौरान हालाँकि आम लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। विजय दशमी पर दशहरे के दिन दर्शनार्थियों के लिए यह मंदिर खोला जाएगा।
1000-1200 श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मंदिर में दर्शन के लिए क्यूआर कोड से बुकिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग सुरक्षा के साथ मंदिर जा सकें और भीड़ को भी नियंत्रण किया जा सके। दुबई का नया हिंदू मंदिर सुबह 6:30 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा।
मंदिर में हर रोज 1000 से 1200 श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकेंगे।। यहाँ हर हिंदू अपने धर्म का पालन कर सकता है। मंदिर में 16 देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही यहाँ सिखों की पवित्र किताब गुरुग्रंथ साहिब को रखने के लिए भी एक अलग कक्ष होगा।
गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, दशहरा उत्सव के दिन मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला रहेगा। यहाँ स्थापित 16 देवताओं की मूर्तियों के दर्शन के लिए सभी को अनुमति दी जाएगी। यह मंदिर दुबई के वरशिप विलेज में बनाया गया है, जिसमें कई चर्च और गुरुद्वारा मौजूद हैं।
अरबी और हिंदू शैली में डिजाइन
1 सितंबर, 2022 को इस मंदिर की एक झलक लोगों को देखने का मौका दिया गया था। उस वक्त यहाँ हजारों विजिटर्स को सफेद संगमरमर से बने मंदिर के अंदरूनी हिस्से की झलक पाने की अनुमति दी गई थी। मंदिर को अरबी और हिंदू शैली में डिजाइन किया है। सजावटी स्तंभ लगाए गए हैं। छत पर घंटियाँ लगाई गई हैं।
खलीज टाइम्स के मुताबिक, इस मंदिर में हिंदू धर्म के 16 देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना के साथ एक ज्ञान कक्ष और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए सामुदायिक केंद्र होगा। इस मंदिर की नींव फरवरी 2020 में रखी गई थी। इस इलाके में मंदिर बनने से भारतीयों का दशकों पुराना सपना सच हो गया है।