फ्रांस की सरकार ने स्कूल में मुस्लिम लड़कियों के अबाया पहनने पर प्रतिबंध (France to ban muslim abaya dresses in schools) का ऐलान किया। इसको लेकर शिक्षा मंत्री गेब्रियल अट्टल ने रविवार (27 अगस्त, 2023) को कहा है कि किसी भी क्लास रूम में छात्रों को देखकर उनके धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए। उनके अनुसार अबाया पहनना फ्रांस के धर्म निरपेक्ष कानून का उल्लंघन है। फ्रांस में पहले से ही स्कूलों में हेडस्कार्फ और नकाब पहने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
फ्रांस के शिक्षा मंत्री गेब्रियल अट्टल ने टीवी चैनल टीएफ1 को एक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
“मैंने फैसला किया है कि अब स्कूलों में अबाया नहीं पहना जा सकता। जब आप किसी क्लास में जाते हैं तो छात्रों को देखने भर से उनके धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए।”
अट्टल ने यह भी कहा है कि स्कूल में मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले अबाया पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। 4 सितंबर से देशभर में क्लास शुरू हो रहे हैं। इससे पहले ही नियम बनाकर स्कूल के प्रमुखों को इस बारे में जानकारी दे देंगे। अट्टल ने अबाया को धार्मिक पहचान बताते हुए कहा है कि इसे पहनने से फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष कानूनों का उल्लंघन होता है।
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2004 में फ्रांस सरकार ने स्कूलों की ‘यूनिफॉर्म’ को लेकर एक कानून बनाया था। इस कानून के तहत स्कूलों में ऐसे किसी भी प्रतीक चिह्न या कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई थी, जिससे छात्रों की धार्मिक पहचान का पता चलता हो। सीधे शब्दों में कहें तो फ्रांस ने स्कूलों में बड़े क्रॉस, यहूदी किप्पा या इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने पर रोक लगा दी थी।
साल 2010 से फ्रांस में सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे पर नकाब पहनने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी मुस्लिम लड़कियाँ स्कूलों में अबाया पहनकर जाती थीं। इसलिए सरकार ने कदम उठाते हुए इस पर बैन का ऐलान किया।
बता दें कि अबाया मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली एक पोशाक है। आमतौर पर यह ढीला-ढाला सा और काले रंग का होता है। इसे सामान्य कपड़ों के ऊपर ही पहना जाता है। इसमें महिलाओं का शरीर कंधे से पैर तक ढका रहता है। केवल हाथ और पैर की उंगलियों सहित उनका सिर दिखाई देता है। ज्यादातर महिलाएँ अपने बालों को ढँकने के लिए इसके साथ स्कार्फ भी पहनती हैं।