फ्रांस में एक महिला पुलिस अफसर की गला रेतकर हत्या कर दी गई। घटना राजधानी पेरिस से 56 किलोमीटर दूर Rambouillet की है। 49 साल की महिला अफसर के गले पर दो वार किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मृतक अफसर की पहचान स्टेफनी के तौर पर बताई है। वह 13 और 18 साल की दो बेटियों की माँ थी। 36 वर्षीय हमलावर ट्यूनीशियाई मूल का था। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह 2009 में गैरकानूनी तरीके से फ्रांस में दाखिल हुआ था। हालाँकि उसका कोई रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं था। हमले के बाद पुलिस फायरिंग में वह जख्मी हो गया और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीबीसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि वह ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रहा था।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस इस्लामी आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेकेगा। इससे अब और सख्ती से निपटा जाएगा। प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से हम हार नहीं मानेंगे। हम बेहद सख्ती से इन लोगों से निपटने को तैयार हैं। एंटी टेरर प्रॉसीक्यूटर जीन फ्रेंकोइस ने कहा कि यह बहुत घृणित घटना है। हम उन लोगों के सबक सिखाएँगे जो इसमें शामिल हैं। धुर दक्षिणपंथी नेता और चुनावों में मैक्रों की मजबूत प्रतिद्वंद्वी मैरीन ली पेन ने हमले के बाद कहा कि पुलिस को और अधिक सुरक्षित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पुलिस का समर्थन करें, अवैध प्रवासियों को बाहर निकाले, इस्लामी कट्टरपंथ का खात्मा करें।” हमले के बाद आतंकरोधी जाँच शुरू कर दी गई है।
Elle était policière. Stéphanie a été tuée dans son commissariat de Rambouillet, sur les terres déjà meurtries des Yvelines. La Nation est aux côtés de sa famille, de ses collègues et des forces de l’ordre. Du combat engagé contre le terrorisme islamiste, nous ne céderons rien.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) April 23, 2021
रिपोर्टों के अनुसार मृतक महिला एडमिनिस्ट्रिटिव अफसर थीं। हमले के वक्त वह लंच ब्रेक से वापस लौट रही थीं। चश्मदीदों के अनुसार हमलावर पुलिस स्टेशन के बाहर मोबाइल पर बात कर रहा था और उसने अफसर के सुरक्षा द्वार से बाहर आने का इंतजार किया।
गौरतलब है कि हाल के समय में फ्रांस में इस्लामिक आतंकवाद की कई घटनाएँ सामने आई हैं। शिक्षक सैमुअल पैटी को इस्लामी कट्टरपंथी अब्दुल्लाख ने सिर्फ इसीलिए मार डाला था, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपनी कक्षा में पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून्स दिखाए थे।