Sunday, November 17, 2024
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क्रीमिया अब उक्रेन के हाथ से निकल गया, रूसी राष्ट्रपति सम्मान के काबिल: जर्मनी के नौसेना प्रमुख के बयान के बाद हंगामा, देना पड़ा इस्तीफा

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर है। दुनिया को डर सता रहा कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस ने सीमाओं पर सैनिकों और हथियारों की भारी तैनाती की हुई है। यह विवाद 2013 से शुरू हुआ जब यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के साथ व्यापारिक समझौता किया।

जर्मनी (Germany) की नौसेना के चीफ के-एचिम शॉनबाख (Kay-Achim Schönbach) को अपने उस बयान के लिए इस्तीफा देना पड़ा है, जिसमें उन्होंने रूसी राष्ट्रपति ब्लादिर पुतिन को सम्मान के काबिल बताया था। इसी बयान में उन्होंने यह भी कहा था कि यूक्रेन फिर से क्रीमिया प्रायद्वीप नहीं हासिल कर पाएगा। इस प्रयद्वीप पर रूस (Russia) ने 2014 में कब्ज़ा किया था। यह बयान उन्होंने शुक्रवार (21 जनवरी) को नई दिल्ली में दिया था। इस बयान के एक दिन बाद शनिवार (22 जनवरी) को उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शॉनबाख ने खुद से जर्मनी के रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच को पत्र लिखा और अपने इस्तीफे की पेशकश की। इस बयान को उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर करते हुए दुःख प्रकट किया। शॉनबाख के मुताबिक, वो जर्मनी और उसकी सेना का नुकसान नहीं चाहते हैं, इसलिए वो इस मामले से अलग हो जाना चाहते हैं। वहीं, जर्मन नौसेना ने एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि शॉनबैक का इस्तीफा मंज़ूर करके उनके जूनियर को अंतरिम नौसेना प्रमुख बना दिया गया है।

जिस कार्यक्रम में के-एचिम शॉनबाख ने यह बयान दिया था, वह मनोहर पर्रिकर IDSA द्वारा आयोजित था। शॉनबाख इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम दिल्ली के मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में हुआ था। यह एक थिंक टैंक इवेंट था। उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था,जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने जर्मनी की राजदूत को जर्मन नौसेना प्रमुख के इस पर सम्मन भेजा था

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर है। दुनिया को डर सता रहा कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस ने सीमाओं पर सैनिकों और हथियारों की भारी तैनाती की हुई है। यह विवाद 2013 से शुरू हुआ जब यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के साथ व्यापारिक समझौता किया। साल 2014 में रूस ने अपने नागरिकों के हित का दावा करते हुए यूक्रेन के कब्ज़े वाले क्रीमिया को अपने नियंत्रण में ले लिया। 2015 में दोनों देशों के बीच शाँति समझौते के बाद भी आए दिन तनाव की स्थिति बन रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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