महज 14 साल की उम्र में उसने खुद की जान ले ली। वजह कब्रिस्तान में 5 लोगों ने उससे गैंगरेप किया। फिर इसका वीडियो वायरल कर दिया। इसने उसे घटना के 4 दिन बाद सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया। मामला बेल्जियम का है।
पुलिस ने पाँचों आरोपितों को हिरासत में ले लिया है। इनमें से तीन नाबालिग हैं। 2 आरोपितों की उम्र 18-19 साल है। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता गवेरे निवासी थी। वह 15 मई को गेन्ट में वेस्टरबेग्राफप्लाट्स कब्रिस्तान में एक दोस्त से मिलने गई थी। वहाँ उसके दोस्त के साथ अन्य लोग भी थे। उन्होंने गैंगरेप के बाद घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी।
घटना के 4 दिन बाद लड़की ने आत्महत्या कर ली। उसके किसी दोस्त ने उसके माता-पिता को बताया कि उसका गैंगरेप हुआ था। सूचना पाते ही पुलिस ने वीडियो और तस्वीर में नजर आ रहे युवकों का पता लगाया। इनमें से तीन 14-15 साल की उम्र के निकले और बाकी दो 18 और 19 साल के निकले।
पुलिस ने पाँचों को हिरासत में ले लिया। अदालत में वकील ने भी लड़की की मौत के पीछे इन्हीं पाँचों को संदिग्ध बताया। तीनों नाबालिगों को जुवेनाइल जज ने एक क्लोज्ड संस्थान में रखने के आदेश दिए हैं और बाकी दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी कर ली गई है।
गवेरे के मेयर ने इस घटना पर कहा है कि वह पीड़िता को अच्छे से जानते थे और जो कुछ भी उसके साथ हुआ वह बेहद भयावह और अमानवीय है। न्याय मंत्री विंसेंट वैन क्विकर्नबॉर्न ने ट्विटर पर वादा किया कि घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों को सजा दिलवाई जाएगी। मंत्री ने घटना को घृणित बताते हुए कहा, “इसे बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं। संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जाँच जारी है।”
लड़की के पिता का कहना है कि उनकी बेटी पिछले कुछ समय से कुछ चीजों से जूझ रही थी। वह कठिनाइयों का सामना कर रही थी। ऐसे में ये तथ्य और तस्वीरें उसके लिए किसी आखिरी तिनके जैसी थीं। एक 14 साल की बच्ची को ऐसी चीजों से नहीं गुजरना चाहिए। उसने अपना सब कुछ खोते हुए देखा। अगर ये लोग नहीं होते तो शायद वो यहाँ होती। अब उनको सिर्फ न्याय की उम्मीद है।
गौरतलब है कि कब्रिस्तान में लड़की से दुष्कर्म का ये मामला उसी समय प्रकाश में आया है जब दिल्ली में 48 साल के एक मौलवी पर मस्जिद के भीतर एक नाबालिग लड़की का बलात्कार करने का आरोप लगा और उसकी गिरफ्तारी हुई। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (जून 1, 2021) को जानकारी दी थी। पुलिस ने इस मामले की FIR दर्ज करने के बाद आरोपित मौलवी को अदालत में पेश किया था। कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया था।