भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर से साम्प्रदायिक तनाव की खबर है। यहाँ के धनुहा जिले में एक साथ 2 नाबालिग हिन्दू लड़कियों के साथ ग्रूमिंग जिहाद की घटना हुई है। इससे नाराज होकर गुरुवार (25 अप्रैल 2024) को हिन्दू समाज सड़कों पर उतर आया। आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग के साथ रास्तों को जाम किया गया और विरोधस्वरूप टायरों को जला कर प्रदर्शन किया गया। नेपाली पुलिस ने हिन्दू संगठन से जुड़ी लक्ष्मी नाम की एक महिला नेता को हिरासत में लिया तो हालात और बिगड़ गए। आखिरकार पुलिस ने 27 अप्रैल 2024 (शनिवार) को लक्ष्मी को रिहा करके ग्रूमिंग जिहाद के आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
यह मामला नेपाल के धनुहा जिले के औराही थानाक्षेत्र का है। यहाँ के एक गाँव में रहने वाले 2 हिन्दू परिवारों ने पुलिस में एक साथ शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत के मुताबिक गुरुवार (16 अप्रैल 2024) की शाम लगभग 6 बजे गाँव की 2 नाबालिग हिन्दू लड़कियाँ घर में पढ़ाई कर रहीं थीं। इसी दौरान मुस्लिम समाज के कुछ लोग इन दोनों लड़कियों को बहला-फुसला कर अपने साथ भगा ले गए। आरोपितों में 2 मुस्लिम महिलाएँ भी शामिल हैं। पुलिस में दी शिकायत के अनुसार एक पीड़िता की उम्र 15 जबकि दूसरी की 14 साल है।
ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। पीड़ित परिजनों ने इस केस में साजिद, मोफिद, समीर, अशरफ, मस्तकीम और लियासत के साथ हकीदा और नगीना खातून को भी नामजद किया है। इन सभी पर आरोप है कि ये नेपाल की लड़कियों को कम उम्र में फँसा कर उन्हें मोटे दाम में भारत के कोलकाता, मुंबई जैसे शहरों में बेच देते हैं।
शिकायतकर्ता ने इन सभी आरोपितों को मानव तस्करी का एक संगठित गिरोह बताया है और कड़ी कार्रवाई की माँग की है। इन सभी नामजदों पर पूर्व में भी आपराधिक हरकतों को अंजाम देने का आरोप है।
ऑपइंडिया ने नेपाल में सक्रिय हिन्दू सम्राट सेना के अध्यक्ष राजेश यादव से बात की। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल की घटना को 9 दिन बीत जाने पर किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई तो नेपाल के हिन्दू संगठन आक्रोशित हो उठे। हिन्दू सम्राट सेना के नेतृत्व में 25 अप्रैल को धनुहा जिले में विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में न सिर्फ आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने बल्कि दोनों नाबालिग बच्चियों की सकुशल बरामदगी की भी माँग उठाई गई। विरोध के दौरान सड़क पर टायरों को रख कर जलाया गया, जिससे थोड़े समय के लिए मुख्य रास्ता रुक गया। इस विरोध प्रदर्शन के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
राजेश यादव का आरोप है कि नेपाल की पुलिस मुस्लिमों और वामपंथी नेताओं के दबाव में आ गई है। इसी कारण नेपाली पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही लक्ष्मी नाम की एक हिन्दू महिला को हिरासत में ले लिया।
लक्ष्मी की हिरासत की खबर सुन कर नेपाल के हिन्दू संगठनों में आक्रोश फ़ैल गया। हिन्दू सम्राट सेना सहित कई अन्य संगठनों ने इस कार्रवाई पर नेपाल पुलिस की निंदा की और आंदोलन की चेतावनी दी। आखिरकार हिरासत में लिए जाने के 2 दिनों बाद 27 अप्रैल को लक्ष्मी को रिहा कर दिया गया।
ऑपइंडिया द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक अभी तक नेपाली पुलिस दोनों में से किसी भी पीड़िता को बरामद नहीं कर पाई है। सभी नामजद आरोपितों में से किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। एक आरोपित के अम्मी-अब्बा को हिरासत में लिए जाने की अपुष्ट सूचना है हालाँकि इस पर नेपाल पुलिस का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजेश यादव ने हमें बताया कि यदि जल्द से जल्द दोनों बच्चियों को बरामद कर के सभी आरोपितों पर कार्रवाई न हुई तो हिन्दू सम्राट सेना पूरे नेपाल में आंदोलन खड़ा करेगी।