खाड़ी देशों (Gulf Countries) में अब तक 10 हजार से ज्यादा भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जबकि अब तक 84 भारतीयों की मौत हो चुकी है। इसी के साथ अब दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 36,75,800 हो चुकी है।
मंगलवार (मई 05, 2020) को भारतीय गृह मंत्रालय ने कहा कि विदेशों में फँसे हुए भारतियों को लाने की प्रक्रिया 7 मई से शुरू की जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले सप्ताह 7 मई से 13 मई तक विभिन्न देशों में फँसे हुए भारतियों को लाने के लिए इस ऑपरेशन में 64 उड़ानों का संचालन किया जाएगा। सरकार की प्रथम प्राथमिकता खाड़ी देशों में फँसे लोगों को वापस लाने की है।
अभी तक 3 लाख से अधिक लोग सिर्फ गल्फ देशों से ही वापस आने के फॉर्म भर चुके हैं।
भारत कोरोनो वायरस महामारी से फँसे हजारों प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए खाड़ी देशों के साथ काम कर रहा है। इसी के साथ यह आपातकाल के दौरान लोगों को स्वदेश लाने का सबसे बड़ा अभियान बन सकता है।
विदेशों में फँसे अपने नागरिकों को भारत लाने के लिए कुछ ही दिनों में, भारत ने सैन्य जहाजों और अपनी राष्ट्रीय एयरलाइन की तैनाती शुरू करने की योजना बनाई है। घर वापसी के पहले चरण में भारत जून के मध्य तक 1,92,000 भारतियों को घर ला सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एक भारतीय अधिकारी का कहना है कि लोगों को नौकरी छूटने, काम की वीज़ा अवधि समाप्त होने, मेडिकल की आपात स्थिति, फँसे हुए छात्रों और पर्यटकों को उनकी परिस्थितियों के अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत लौटने पर यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर भी करना होगा। लौटने के बाद सभी की मेडिकल जाँच की जाएगी और जाँच के बाद संबंधित राज्य सरकार उन्हें अस्पताल में या क्वारंटाइन में दो हफ्ते के लिए रखेगी।
उड़ान भरने से पहले विदेशों में फँसे हुए भारतीयों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हीं लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिनकी जाँच निगेटिव आएगी। यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।