नेपाल भेजा गया चीनी प्रतिनिधिमंडल अब वापस बीजिंग लौट गया है। 4 दिनों के दौरे में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के गुटों में कोई सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप-मंत्री गुओ येझोउ के नेतृत्व में आई उच्च-स्तरीय टीम बुधवार (दिसंबर 30, 2020) की सुबह वापस चली गई। कई दलों के कई नेताओं से मुलाकात के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकला क्योंकि पीएम केपी शर्मा ओली अपने रुख पर अड़े हुए हैं।
पीएम ओली ने संसद भंग करने का निर्णय करते हुए फिर से चुनाव की घोषणा कर दी है और उनका कहना है कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता, इसीलिए उन्होंने अपने विरोधियों को जवाब दिया है। गुओ येझोउ ने ही 2018 में ओली के कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) और प्रचंड के कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट) का विलय करवाया था।
फरवरी 2018 के बाद अब वो 34 महीने बाद नेपाल आए थे। पीएम ओली ने संसद को भंग करने का फैसला ये कहते हुए वापस लेने से इनकार कर दिया कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि प्रचंड गुट उनकी सरकार को गिराने की साजिश नहीं करेगा। वहीं प्रचंड और माधव कुमार नेपाल के गुट ने भी चीनियों को कोई आश्वासन नहीं दिया। चीनियों ने अब बाबूराम भट्टराई की समाजवादी पार्टी और शेर बहादुर देउबा की नेपाली कॉन्ग्रेस का समर्थन प्रचंड-नेपाल गुट के लिए जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है।
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में भी संसद भंग करने के खिलाफ कई याचिकाएँ डाली गई हैं, ऐसे में अगर फैसला पीएम ओली के विपरीत आया तो कई दल मिल कर बहुमत की संभावना खोज सकते हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों गुटों ने साथ में चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है। चीन के प्रतिनिधिमंडल ने कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे स्तर के नेताओं के साथ भी बैठक की और वरिष्ठों को एक करने के लिए कहा, लेकिन अभी तक इसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया है।
#InPics | Nepal’s Prime Minister @kpsharmaoli took a sudden decision to dissolve the parliament a few days back. What followed was protests from locals and opposition leadershttps://t.co/cUSmL2ZAkW
— WION (@WIONews) December 30, 2020
उधर चीनी मीडिया ने आरोप लगाया है कि भारत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की जासूसी करवा रहा है। जबकि दुनिया भर में कई देश चीन पर ही हैकिंग से लेकर जासूसी तक के आरोप लगाते रहते हैं। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत पर नेपाल की राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। चीनी मीडिया का कहना है कि नेपाल के विवाद में भारतीय हस्तक्षेप से चीन चिंतित है। दावा किया गया है कि भारत के ख़ुफ़िया एजेंट NCP नेताओं पर नजर रख रहे हैं।