पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यक ख़ौफ़ के साये में जीने को मजबूर हैं। वजह यह है कि एक बड़ी संख्या में गुस्साए लोगों ने सड़क पर उतरकर न सिर्फ़ हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ की बल्कि हिन्दुओं के घरों में भी घुसकर तोड़फोड़ की। इस मामले में सिंध प्रांत में पुलिस ने सोमवार (16 सितंबर) को 218 दंगाइयों के ख़िलाफ़ मंदिर सहित सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाने को लेकर मामले दर्ज किए हैं।
Heart crying to see attack on houses & temple of Hindu #NotanDas at #Ghotki who is accused of blasphemy.
— Saeed Sangri (@Sangrisaeed) September 15, 2019
Enemy of peace & humanity must be punished. #Sindh pic.twitter.com/eIOQq1YbTq
दरअसल, सिंध पब्लिक स्कूल के हिन्दू प्रिंसिपल नूतन माल के ख़िलाफ़ एक नाबालिग छात्र ने ईश-निंदा का आरोप लगाया था। स्कूल के छात्र राणा मुहम्मद इब्तिसाम का कहना था कि उर्दू की क्लास के दौरान प्रिंसिपल ने शिक्षक को रोककर पैगंबर मुहम्मद (PBUH) के बारे में अपमानजनक तरीके से बातें की थी। इसके बाद ही इस साम्प्रदायिक हिंसा का जन्म हुआ।
ख़बर के अनुसार, छात्र के पिता अब्दुल अजीज ने स्कूल के प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने इस्लाम विरोधी टिप्पणी करके ईश-निंदा का अपराध किया है। इसके बाद रविवार (15 सितंबर) को बड़े स्तर पर प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घोटकी फारुख लंजार ने कहा कि पुलिस इलाक़े में क़ानून व्यवस्था को नियंत्रित कर रही है। नेशनल असेंबली के सदस्य रमेश कुमार वंकवानी, जो पाकिस्तान हिंदू परिषद (PHC) के प्रमुख हैं, उन्होंने बताया कि सिंध पब्लिक स्कूल के हिन्दू प्रिंसिपल को एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के बाद यह केस उप निरीक्षक नईम शेख को सौंप दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तीन मंदिर, एक निजी स्कूल और हिन्दू समुदाय से जुड़े कई घरों में तोड़फोड़ की थी। फ़िलहाल, घोटकी में इस घटना से हिन्दुओं में भारी दहशत का माहौल है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने भी इस इस मुद्दे को उठाते हुए बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
Alarming reports of accusations of blasphemy in #Ghotki and the outbreak of mob violence. https://t.co/PEc15iBsJi
— Human Rights Commission of Pakistan (@HRCP87) September 15, 2019
घोटकी पुलिस ने ईश-निंदा की कथित घटना के विरोध में सड़कों पर उतरने वाले दंगाइयों के ख़िलाफ़ तीन मामले दर्ज किए। पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 45 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई थी। सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए 150 लोगों के ख़िलाफ़ एक और FIR दर्ज की गई। 23 लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और चोरी से संबंधित एक तीसरी FIR भी दर्ज की गई थी।
ग़ौरतलब है कि इस हमले में कट्टरपंथी नेता मियाँ मिट्ठू का हाथ सामने आया था। उसने न सिर्फ़ मंदिर बल्कि स्कूल को भी नुक़सान पहुँचाया। मियाँ मिट्ठू के नेतृत्व में भीड़ ने पुलिस के सामने शिक्षक की पिटाई की, मंदिर में तोड़फोड़ की और स्कूल को नुक़सान पहुँचाया।
आश्चर्य की बात यह है कि ये सबकुछ पुलिस के सामने ही हुआ। जब मजहबी भीड़ शिक्षक की पिटाई कर रही थी और मंदिर में तोड़फोड़ कर रही थी, तब पुलिस भी वहाँ पर मौजूद थी। पुलिस तमाशबीन बन कर यह सब देखते रही। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और उनकी धार्मिक आस्था पर लगातार हो रहे हमलों के बीच वहाँ के प्रधानमंत्री ख़ुद को दुनिया भर में रह रहे इस्लाम के समर्थकों का नुमाइंदा बताते हैं। वह भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होने का झूठा आरोप भी लगाते हैं।