पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक हिन्दू युवक को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। युवक का नाम अकबर राम है। अकबर राम पर इस्लामी मज़हबी स्थलों पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है। हिन्दू युवक को इस्लामी भीड़ ने घेर कर मारने का भी प्रयास किया। शुक्रवार (11 अगस्त, 2023) को अकबर राम के खिलाफ फैज़ल मुनीर ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला रहीम यार खान जिले के थानाक्षेत्र कोस्टामबा का है। यहाँ ने इंस्पेक्टर सफदर हुसैन ने ईशनिंदा के आरोप में अकबर राम की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपित को इलाके की कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते जेल में दाखिल कर दिया गया है। अकबर राम पर ईशनिंदा की शिकायत दर्ज करवाने वाले फैसल मुनीर ने अपने आरोपों के समर्थन में 2 गवाह भी पेश किए हैं। इंस्पेक्टर सफदर का भी दावा है कि अकबर राम की टिप्पणी से इलाके के तमाम मुस्लिमों की मज़हबी भावनाएँ आहत हुई हैं।
अपनी शिकायत में मोटर मैकेनिक फैज़ल मुनीर ने बताया है कि घटना के समय वो अपनी वर्कशॉप में तारिक मजीद और मोहम्मद तारिक के साथ मौजूद थे। तभी अकबर राम वहाँ आया और इस्लामी इबादतगाहों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने लगा। शिकायत में यह भी बताया गया है कि तमाम लोगों के आगे अकबर राम ने न सिर्फ इबादतगाहों बल्कि इस्लाम पर भी अशोभनीय टिप्पणियाँ की। फिलहाल आरोपित की गिरफ्तारी के बाद उनका परिवार अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़ कर कहीं सुरक्षित स्थान पर पलायन कर गया है।
پولیس نے ملزم کے خلاف تھانہ کوٹسمابہ میں مقدمہ نمبر 625/23 بجرم 295/A درج رجسٹر کرتے ہوئے ملزم کو گرفتار کر کے چالان جیل کر دیا ہے مقدمہ کو میرٹ پر یکسو کرکے ملزم کو عدالت سے قرار واقعی سزا دلوائی جائے گی
— Rahim Yar Khan Police (@Rykpolice068) August 13, 2023
अकबर राम को गिरफ्तार करने पहुँची पुलिस के आगे भी इस्लामी भीड़ ने उसकी पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रहीम यार खान पुलिस के मुताबिक अकबर राम पर पाकिस्तान पीनल कोड की धारा 295- A के तहत कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के ही ग्वादर इलाके में शनिवार (5 अगस्त, 2023) को मलिकाबाद इलाके में एक कब्रिस्तान के पास ईशनिंदा के आरोप में अंग्रेजी पढ़ाने वाले टीचर अब्दुल रऊफ को गोलियों से भून दिया था। यह घटना तब हुई जब रऊफ उलेमाओं द्वारा आयोजत जिरगा की सभा में अपनी सफाई देने जा रहे थे। अब्दुल ने खुद पर लगे आरोपों से इंकार किया था।