अमेरिका की बहुप्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने उन प्रतिभागियों की फोटो शेयर की है, जिन्हें उनके साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिला। हालाँकि, NASA द्वारा फोटो शेयर करने के बाद उसकी आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया, क्योंकि उन प्रतिभागियों में भारतीय-अमेरिकी इंटर्न प्रतिमा रॉय की तस्वीर भी थी। प्रतिमा रॉय की टेबल पर हिन्दू देवियों की मूर्तियाँ और दीवार पर हिन्दू देवी-देवताओं की फोटो दिखाई दे रही हैं।
Today’s the day: applications for fall NASA internships are due!
— NASA (@NASA) July 9, 2021
Are you ready? Visit @NASAInterns and apply at: https://t.co/s69uwyR1LJ pic.twitter.com/CVwFJGYbms
प्रतिमा की इस धर्मपरायणता ने कुछ बुद्धिजीवियों को नाराज कर दिया, क्योंकि ये बुद्धिजीवी प्रतिमा द्वारा अपनी भक्ति दिखाए जाने पर खुश नहीं हैं। इन्होंने प्रतिमा के ‘वैज्ञानिक स्वभाव’ पर भी प्रश्न उठाया। हालाँकि, प्रतिमा ने अपने उसी वैज्ञानिक स्वभाव के कारण NASA के साथ इंटर्नशिप करने का मौका अर्जित किया है। कुछ लोगों ने NASA पर विज्ञान को बर्बाद करने का आरोप लगाया और कुछ ने कहा कि एक हिन्दू को देवी-देवताओं से खुद को घिरे हुए रहने की क्या जरूरत है? यह ठीक ऐसा ही प्रश्न है कि एक मछली को पानी से घिरे रहने की जरूरत क्यों है? NASA के द्वारा अपनी इंटर्न प्रतिमा रॉय की शेयर की गई इस फोटो पर कई ऐसे कमेन्ट देखने को मिले जो स्पष्ट तौर पर ‘हिन्दूफोबिया’ के अस्तित्व पर मुहर लगाते हैं। हालाँकि, यह भी निश्चित है कि यदि किसी ईसाई या किसी मुस्लिम व्यक्ति की तस्वीर (अपनी मजहबी पहचान को प्रदर्शित करते हुए) शेयर की गई होती तो इतना विवाद कभी नहीं होता।
After seeing this we said;
— Mission Ambedkar (@MissionAmbedkar) July 11, 2021
Science ka Naash kar diya NASA ne. https://t.co/Wx0fy7D1BC
The 4th one research subject would be how the bigot Ram was using pushpak viman(mythical plane) to reach cross 7 seas, etc. ? https://t.co/imgXh6OxaY
— Thaiyaan (@thaiyaan) July 11, 2021
NASA is this some joke??? https://t.co/pmYAJYddzp
— Ayyuuusssshhhhh (@Saguraocacti) July 10, 2021
Look at the Indian kid. With all the Lakshmi, Saraswati & what not matas on her desk. But not a pic of #Savitrimai the one who revolutionized women’s education. She isn’t at fault, her parents, her grandparents are. https://t.co/PprVxMfBds
— 💙💚✊ (@manishahire) July 10, 2021
The 4th intern will send an email saying “rama built a bridge” and sanghis will use that email to say “nasa accepted rama as real and the blue guy built that bridge”. https://t.co/kBuVvd5NeZ
— NastikMan (@ManNastik) July 11, 2021
हिन्दूफोबिया और विभिन्न संस्थानों पर उसके प्रभावों के बारे में लगातार चर्चा होती रहती है। कई बार इसके अस्तित्व को नकार दिया गया, लेकिन अमेरिकी कॉन्ग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड तक ने अपने करियर के दौरान हिन्दूफोबिया से संबंधित अपने अनुभव साझा किए।
तथाकथित बुद्धिजीवी अशोक स्वैन को NASA इंटर्न प्रतिमा रॉय के हिन्दू विश्वास से कुछ ज्यादा ही समस्या दिखाई दी। हालाँकि, स्वैन हिंदुओं से घृणा करने वाले वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने दावा किया था कि अमेरिका के कैपिटल हिल में हुए दंगों में ‘व्हाइट सुप्रिमेसिस्ट (अतिवादी)’ के साथ ‘हिन्दू सुप्रिमेसिस्ट’ भी शामिल थे। स्वैन ने जिस व्यक्ति को हिन्दू सुप्रिमेसिस्ट बताया था, वह एक ईसाई था और यह भी साबित नहीं हुआ कि वह ईसाई दंगों में शामिल था।
अब चूँकि यहाँ NASA की बात की जा रही है और इस अंतरिक्ष एजेंसी के साथ इंटर्नशिप करने के लिए वैज्ञानिक कौशल आवश्यक है, इसलिए ‘तार्किकता’ और ‘वैज्ञानिक स्वभाव’ पर चर्चा छिड़ गई। जबकि सनातन में ऐसा बिल्कुल नहीं है कि धर्म और विज्ञान में कोई विरोधाभाषी संबंध हो।
उदाहरण के लिए अब तक के महानतम गणितज्ञ श्रीनिवासन रामानुजम अपने सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्ति का श्रेय अपनी पूज्य देवी को दिया था। उन्होंने गर्व से कहा था, “किसी भी समीकरण का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है, यदि वह भगवान के विचारों को प्रस्तुत नहीं करता है।” उन्होंने अपनी उपलब्धियों का श्रेय नमक्कल की महालक्ष्मी को दिया था जो उनकी कुलदेवी थीं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), जिसने हमारे देश को कई गौरव के क्षण दिए, के प्रमुख अक्सर किसी भी अंतरिक्ष मिशन को अंजाम तक पहुँचाने के पहले मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते रहे हैं। कई भारतीय वैज्ञानिकों की तरह वर्तमान ISRO अध्यक्ष के. सिवन खुद एक धार्मिक हिन्दू हैं।