इंडोनेशिया के लगभग 800 इस्लामिक प्रचारकों को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिया है। ये सारे पर्यटक वीजा पर भारत आए थे और इस महीने दिल्ली में तीन दिवसीय मजहबी सम्मेलन में भाग लिया था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने द हिंदू को बताया कि दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मुख्यालय अलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद में इस महीने की शुरुआत में देश भर से लगभग 8,000 लोग शामिल हुए थे। अधिकारी ने बताया कि देश भर से कई लोग, जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला, उन लोगों ने या तो इस मजहबी सभा में हिस्सा लिया था या फिर इसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे।
अधिकारी ने कहा, “वे पर्यटक वीजा पर यहाँ आए थे लेकिन मजहबी सम्मेलनों में भाग ले रहे थे, यह वीजा नियमों के शर्तों का उल्लंघन है। हम लगभग 800 इंडोनेशियाई प्रचारकों को ब्लैकलिस्ट करने जा रहे हैं ताकि भविष्य में वे देश में प्रवेश न कर सकें।” बता दें कि भारत और इंडोनेशिया के बीच वीजा की व्यवस्था है। इसके तहत और नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा की अनुमति है।
As per policy guidelines of Indian Visa issued by GoI, preaching religious ideologies, making speeches in religious places, distribution of audio-visual display/ pamphlets pertaining to religious ideologies is not allowed. All foreigners who attended may be barred: Govt sources https://t.co/zWWi1wqWnf
— ANI (@ANI) March 31, 2020उन्होंने बताया कि भारत में आने के बाद ये प्रचारक एक जत्था बनाकर तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा चले गए। देश के विभिन्न राज्यों में जाकर इन्होंने मस्जिदों में सामूहिक बैठकें की और इस तरह की उन्होंने कई बैठकें कीं। अधिकारी ने कहा, “तेलंगाना में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों के लगभग 50% प्रचारकों द्वारा आयोजित बैठकों से जुड़े हैं। तेलंगाना के लगभग 350 लोगों ने दिल्ली में आयोजित मजहबी सम्मेलन में भाग लिया था।” वहीं पिछले हफ्ते श्रीनगर में कोरोना संक्रमण से मरने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग ने भी इस मजहबी सम्मेलन में भाग लिया था।
जब अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या इन प्रचारकों के आने के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर एयरपोर्ट पर इनकी स्क्रीनिंग नहीं की गई थी, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि जब भारत में इस घातक बीमारी को लेकर रेड अलर्ट जारी हुआ था, ये लोग उससे पहले ही यहाँ आ चुके थे। इसलिए एयरपोर्ट पर इनकी स्क्रीनिंग नहीं की गई थी, क्योंकि उस समय भारत में इसके केस सामने नहीं आए थे।
उल्लेखनीय है कि मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन इलाके में स्थित मस्जिद के आसपास के इलाके को खाली करा लिया है। यह मस्जिद निजामुद्दीन दरगाह के पास है। इसके अलावा यहाँ ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने मजहबी कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में आयोजकों को नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जाँच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर पुलिस इनके खिलाफ एक्शन लेगी और FIR दर्ज कर सकती है।