ईरान में स्कूल जाने वाली कई लड़कियों को जहर देकर मार डालने की साजिश का खुलासा हुआ है। यह करतूत किसकी है इस बात का पता फ़िलहाल नहीं चल पाया है। इस मामले में अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि भी नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि इस हरकत के पीछे कुछ कट्टरपंथी हैं जो ईरान के स्कूलों को बंद करवाना चाह रहे हैं। अभी तक सभी बीमार छात्र सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोम शहर में इस बात का खुलासा तब हुआ जब स्कूल जाने वाली लड़कियाँ एक के बाद एक बीमार होने लगीं। कुछ ही समय बाद इन लड़कियों की सँख्या 50 पहुँच गई। पहली घटना नवम्बर 2022 की बताई जा रही। तब कोम शहर के ही एक स्कूल में एक साथ लगभग 18 लड़कियों के बीमार होने की घटना सामने आई। तब उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। यहाँ उन सभी लड़कियों को उलटी, पेट दर्द, हाथों-पैरों में तेज दर्ज के साथ साँस लेने में दिक्कत महसूस हुई थी।
अंतिम घटना 22 फरवरी 2023 (बुधवार) को कोम शहर के एक स्कूल में दर्ज की गई थी। यहाँ एक ही स्कूल की 15 लड़कियों की तबियत अचानक बिगड़ गई थी। सभी में एक जैसी बीमारी के लक्षण पाए गए थे। पहली और अंतिम घटना के बीच कई अन्य स्कूलों में इसी प्रकार की वारदात हुई। लगभग हर वारदात में पीड़ित छात्रों ने एक जैसी परेशानी महसूस की। हालाँकि बीमार होने वाले छात्रों में कुछ लड़के भी थे लेकिन लड़कियों की तादाद अधिक थी।
इन घटनाओं के बाद कुछ अभिभावकों ने लड़कियों को जहर दिए जाने की आशंका जताई। इस शक पर अधिकारियों ने जाँच शुरू की। शुरुआती जाँच में स्थानीय अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का जहर न मिलने की जानकारी दी गई। लड़कियों के माता-पिता इस जाँच से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर दिया। हालाँकि गनीमत से अभी तक इस हरकत से किसी छात्रा की मौत नहीं हुई लेकिन लोगों में काफी नाराजगी फ़ैल गई। लोगों की नाराजगी देखते हुए ईरान सरकार ने इस मामले की बड़े स्तर पर जाँच करवाई।
इस जाँच के बाद ईरान के उप शिक्षा मंत्री युनेस पनाही ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोगों द्वारा छात्रों को केमिकल के माध्यम से जहर दिया जा रहा था। उन्होने आगे बताया कि छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योकि घटना में प्रयोग हुआ केमिकल बहुत हानिकारक नहीं है। अभी तक किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।