लगभग डेढ़ महीने पहले न्यूजीलैंड के रेडियो जॉकी हरनेक सिंह पर सिर्फ इसीलिए धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वो राजनीति से प्रेरित आंदोलन को वापस ले लें। हमले के वक़्त रात का अँधेरा था, लेकिन उन्होंने अपनी टोयोटा हिलक्स गाड़ी के दरवाजे लॉक कर लिए थे और मानसिक रूप से उन्होंने परिवार को अलविदा कह दिया था। उन्हें उस रात के बारे में कुछ खास याद नहीं।
वो दिसंबर 23, 2020 का दिन था, जब उन पर रात के 10:30 में हमला किया गया। जगह थी – ऑकलैंड ड्राइववे। उन्हें बस इतना याद है कि वो जोर-जोर से अपनी गाड़ी के हॉर्न को दबा रहे थे और खिड़कियों के शीशे बदमाशों द्वारा तोड़े जा रहे थे। बाद में उन्हें किसी ने ग्लेनरोस ड्राइव पर देखा। वो अपनी गाड़ी में ड्राइविंग सीट पर पड़े हुए थे, खून से लथपथ। रेडियो विरसा के ही उनके किसी साथी ने उन्हें देखा था।
अब उनके शरीर को देख कर लगता है कि टाँकों का जाल बिछा दिया गया है। हमला ऐसे धारदार और नुकीले हथियारों से किया गया था कि उनकी उँगलियों से लेकर कुहनी तक माँस उधेड़ दिया गया। उनकी छाती और कंधे भी चीर डाले गए थे। वहाँ भी टाँके लगे हैं। हरनेक सिंह ने बताया कि डॉक्टरों ने अब उन्हें घर जाने को कह दिया है और उन्होंने कहा कि अब सब ठीक है। लेकिन, खतरा अभी टला नहीं है।
पुलिस ने उन्हें सावधान रहने को कहा है, क्योंकि उन पर फिर से हमला किया जा सकता है। वो शारीरिक रूप से तो अब स्वस्थ होने की ओर अग्रसर हैं, भले ही कुछ निशान हमेशा के लिए उनके शरीर पर रह जाएँ। लेकिन, मानसिक रूप से वो अब भी उस घटना को याद करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके परिजन और रिश्तेदार डरे हुए थे। उन्होंने हौसला दिखाने के लिए अपनी पत्नी की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी पिछले 20 वर्षों से उनके साथ रह रही हैं और उन्हें उनकी ज़रूरतों और प्रतिबद्धताओं के बारे में बखूबी पता है। लेकिन, जब उनकी पत्नी ने उन्हें 1.5 घंटे तक हमले के दिन हुई घटनाओं के बारे में बताया तो वो भी सिहर उठे। रविवार (जनवरी 21, 2021) को इस मामले में 6 लोगों पर हत्या के आरोप तय किए गए। अस्पताल में रहने के दौरान भी उन पर हमले की आशंका बनी हुई थी।
इसीलिए, जिस कमरे में वो दाखिल थे उसके बाहर लगातार सिक्योरिटी गार्ड्स का पहरा लगाया गया था। उनके सिर से लेकर नीचे तक सैकड़ों स्टीट्चेस लगाए गए हैं। उनका दाहिना कान तो लगभग कट गया है। वहीं अकेले सिर में ही 150 टाँके हैं। उनके दिमाग के कामकाज को लेकर उनका मेमोरी टेस्ट किया गया, जिसमें वो सफल रहे। हाथों की नसों को कितना नुकसान पहुँचा है, ये कुछ दिनों बाद पता चलेगा।
इस साल उन पर ये दूसरा हमला था। जुलाई 2020 में भी उनके जन्मदिन के दिन ही ‘लव पंजाब’ रेस्टॉरेंट में उन पर हमला किया गया था। हरनेक सिंह के साथी बलविंदर ने बताया कि वो उनके भाई के समान हैं और सिख समुदाय की सामाजिक और धार्मिक स्थितियों को लेकर अक्सर चर्चा में मशगूल रहा करते थे। साथ ही वो न्यूजीलैंड के सिख समुदाय की भलाई के लिए भी प्रयासरत थे। हरनेक धार्मिक गलतफहमियों को दूर करने के लिए भी रेडियो शो में बातें किया करते थे।