सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने आतंकी वारदातों को लेकर 3 बड़े वैश्विक नेताओं के दोहरे रवैये को उजागर किया है। माज़िद ने ट्विटर पर पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे और पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन द्वारा की गई ट्वीट्स को लेकर इन तीनो नेताओं की खिंचाई की। आइए आपको समझाते हैं कि मामला क्या है। दरअसल, इन नेताओं ने न्यूज़ीलैंड स्थित क्राइस्टचर्च में एक मस्जिद पर हुए हमले को तो आतंकी हमला बताया था लेकिन श्री लंका में हुए ताबड़तोड़ बम ब्लास्ट्स को लेकर की गई ट्वीट्स में इन्होने इसे आतंकी वारदात नहीं बताया।
Strange difference in tone between condemnations of a terrorist attacks on Muslims after New Zealand & against Christians after Sri Lanka. Note the absence of words “terrorism” & “Christianity”. This Muslim stands with persecuted Christians globally &all minorities everywhere ?? pic.twitter.com/ylSDCU6ICe
— Maajid – (Mājid) [maːʤɪd] ماجد (@MaajidNawaz) April 22, 2019
इन तीनो नेताओं ने ईसाई शब्द का ज़िक्र भी नहीं किया जबकि खुले तौर पर श्री लंका में किए गए ये ब्लास्ट्स ईस्टर के मौक़ों पर ईसाईयों को निशाना बनाने के लिए किए गए थे। ईसाई (Christian) की जगह ‘Easter Worshippers’ शब्द का प्रयोग किया गया। जबकि इन्ही नेताओं ने क्राइस्टचर्च हमले के वक़्त ख़ासकर के ‘मुस्लिम समाज’ के प्रति अपनी संवेदनाएँ दिखाई थी और उसे आतंकी वारदात भी कहा था। थेरेसा मे ने जहाँ
क्राइस्टचर्च हमले को एक ‘भयानक आतंकी हमला (Horrifying Terrorist Attack)’ बताया था वहीं श्री लंका में हुए बम ब्लास्ट्स की निंदा करते हुए उन्होंने इसे ‘हिंसा की वारदात (Act Of Violence)’ बताया।
इसी तरह बराक ओबामा ने क्राइस्टचर्च हमले के वक़्त ख़ास तौर पर ‘मुस्लिम समुदाय’ के साथ शोक मनाने की बात कही थी, वहीं ताज़ा श्री लंका हमले को उन्होंने ईस्टर पर प्रार्थना करनेवालों पर हुआ हमला बताया। हिलेरी क्लिंटन ने तो क्राइस्टचर्च हमले के वक़्त ‘मुस्लिम समुदाय’, ‘Islamophobia’ और ‘White Supremacist Terrorists’ जैसे शब्दों का ज़िक्र किया था जबकि श्री लंका मामले में उन्होंने भी ओबामा की तरह ही ईस्टर वर्शिपर्स जैसे शब्द का प्रयोग किया। वामपंथियों ने भी श्री लंका में हुए हमले के पीछे हड़बड़ी में बिना सबूत बौद्धों का हाथ दिखाने की कोशिश की थी।
माज़िद ने इन तीनो नेताओं के बयानों और दोहरे रवैये का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये मुस्लिम (माज़िद) विश्व के सभी ईसाईयों व अल्पसंख्यकों के साथ खड़ा है और संवेदनाएँ प्रकट करता है। बता दें कि श्री लंका में हुए सीरियल ब्लास्ट्स में अब तक 310 से भी ज़्यादा लोगों के मारे जाने की ख़बर है और कई घायल हैं। इस घटना में इस्लामिक चरमपंथी आतंकियों का हाथ होने की ख़बरें आ रही हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई रैलियों में कह चुके हैं कि श्री लंका में जो आतंकी हमला हुआ, ऐसा भारत में नहीं हो ये सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भी श्री लंका सरकार को हरसंभव मदद का भी आश्वासन दिया है।
Sri Lanka Govt says initial investigations reveal that suicide bombings were carried out as revenge for New Zealand attack killings. ISIS support can’t be ruled out entirely. Death toll in Sri Lanka terror attack rises to 321. Crackdown on radicals and Islamist elements ongoing.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 23, 2019
इसी बीच यह भी ख़बर आई थी कि भारत ने श्री लंका को ऐसे किसी संभावित हमले की आशंका को लेकर पहले ही आगाह किया था। भारत ने श्री लंका को कई बार आगाह करते हुए कहा था कि नेशनल तौहीद जमात से जुड़े कई लोग पाकिस्तान में सक्रिय हैं। भारत ने श्री लंका को आगाह किया था कि राष्ट्र का पूर्वी प्रदेश लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूँखार पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए एक ऑपरेशनल जोन बनता जा रहा है।