Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबाज नहीं आ रही जस्टिन ट्रूडो की सरकार, भारतीय राजनयिकों की ऑडियो-वीडियो निगरानी: कूटनीतिक...

बाज नहीं आ रही जस्टिन ट्रूडो की सरकार, भारतीय राजनयिकों की ऑडियो-वीडियो निगरानी: कूटनीतिक प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर कनाडा को लताड़

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे ‘अत्यंत गंभीर’ मुद्दा बताया और कहा कि यह सभी कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।

भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर है। इस बीच भारत ने कनाडा पर आरोप लगाया है कि वह भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों की निगरानी, उत्पीड़न और जासूसी कर रहा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार (2 नंबर 2024) को इस मुद्दे पर बयान दिया, जिसमें कहा गया कि कनाडाई सरकार ने न केवल भारतीय राजनयिकों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग की, बल्कि उनके संचार को भी इंटरसेप्ट किया है। उन्होंने इसे ‘अत्यंत गंभीर’ मुद्दा बताया और कहा कि यह सभी कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।

रणधीर जायसवाल ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय राजनयिकों को हाल ही में सूचित किया कि वे लगातार निगरानी में हैं। भारत ने इसे ‘उत्पीड़न’ करार देते हुए कहा कि इन हरकतों का उद्देश्य राजनयिकों को डराना और उनके कामों में बाधा डालना है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा की इस हरकत की कड़ी निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक नियमों के खिलाफ बताया।

भारत का कहना है कि कनाडा की सरकार तकनीकी का सहारा लेकर अपनी इस हरकत को जायज ठहराने की कोशिश कर रही है। जायसवाल ने कहा, “हमारे कूटनीतिक और वाणिज्य दूतावास के अधिकारी पहले से ही चरमपंथ और हिंसा के वातावरण में काम कर रहे हैं, ऐसे में उन पर इस तरह की निगरानी और जासूसी का सीधा मतलब उनका उत्पीड़न है।”

इस विवाद की जड़ कनाडा के उपविदेश मंत्री डेविड मॉरिसन का बयान है, जिसमें उन्होंने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर भी टिप्पणी की थी। भारत ने इसे ‘बेहद बेतुका’ और ‘निराधार’ बताते हुए कड़े शब्दों में विरोध जताया और कहा कि ऐसी टिप्पणियों से द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

पिछले महीने कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय राजनयिकों को ‘जाँच के दायरे’ में बताते हुए उन पर नजर रखने का संकेत दिया था। इसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त और अन्य प्रमुख राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया था। कनाडा ने भी जवाबी कदम उठाते हुए कई भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -