Friday, November 15, 2024
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भारत ने कनाडा के 6 डिप्लोमेट निकाले: जस्टिन ट्रूडो ने फिर उगला जहर, भारतीय हाई कमिश्नर का गोलियों से छलनी वाला फोटो दिखा SFJ ने दी धमकी

इस मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कई कनाडाई पत्रकार और राजनैतिक विशेषज्ञ उनकी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

भारत और कनाडा के बीच चल रहा तनाव अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत पर आरोप लगाया है कि जून 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। यहीं नहीं, कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने तो लॉरेंस बिश्नोई गैंग को भारत सरकार से जोड़ दिया और कहा कि कनाडा में भारत बिश्नोई गैंग से आपराधिक गुटों से काम करवा रहा है। इन आरोपों के बाद भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों को बुला लिया है और कनाडा के शीर्ष 6 राजनयिकों को देश से निकलने का आदेश जारी कर दिया है।

इस बीच, खालिस्तानी आतंकवादी गुट सिख फॉर जस्टिस की तरफ से कनाडा में तैनात भारत के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) पवन कुमार वर्मा को जान से मारने की धमकी दी गई है। उनके चेहरे पर गोलियों के निशान दिखाए गए हैं।

इन घटनाओं के बीच भारत ने कनाडा के छह डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया। भारत ने अस्थाई हाई कमिश्नर, सेक्रेटरी जैसे शीर्ष पदों बैठे लोगों को वापस जाने के लिए कहा है और 19 अक्टूबर तक की समयसीना निर्धारित कर दिया है। यही नहीं, भारत ने अपने सभी राजनयिकों को कनाडा से बुला लिया है। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और गहरा कर रहा है।

बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी आतंकी था, जो कनाडा में रह रहा था और भारत के खिलाफ कई आपराधिक मामलों में वांछित था। उसकी जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि कनाडाई खुफिया एजेंसियों के पास सबूत हैं कि भारतीय एजेंसियों ने इस हत्या में भूमिका निभाई। इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग तक का नाम कनाडा ने लिया है। हालाँकि, उन्होंने अब तक इस बारे में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं।

भारत ने कनाडा के इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और सिर्फ भारत की छवि को खराब करने की कोशिश है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दी जा रही है, और वहाँ की सरकार उन्हें कड़ी कार्रवाई करने के बजाय समर्थन दे रही है। भारत ने साफ किया है कि वह इस तरह के झूठे आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

इस मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कई कनाडाई पत्रकार और राजनैतिक विशेषज्ञ उनकी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। एक प्रसिद्ध कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डम ने ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वह खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्थन देकर कनाडा की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। बोर्डम ने कहा, ‘खालिस्तानी तत्व इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं… वे इसे अपनी पूरी जीत मान रहे हैं और भारत पर हमले कर रहे हैं।’

ट्रूडो पर 2018 में भी इसी तरह का विवाद खड़ा हुआ था, जब उन्होंने भारत दौरे के दौरान एक खालिस्तानी आतंकी को अपने डिनर में बुलाया था। साल 2018 में जस्टिन ट्रूडो ने अपने साथ डिनर पर खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल को न्योता दिया था। हालाँकि, भारत ने जब इस बात को लेकर फटकार लगाई तो जस्टिन ट्रूडो ने ये सफाई दी कि उसे जसपाल के बारे में पता नहीं था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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