भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अस्थाई सदस्य के तौर पर चुना गया। बुधवार (17 जून, 2020) को हुए इस चुनाव में भारत ने जनरल असेम्बली में 192 वैध वोटों में से 184 वोट हासिल किए। इस चुनाव में भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी अस्थाई सदस्य चुने गए हैं।
भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जा रहा है। जोकि हर एक भारतीय के लिए गर्व की बात हैं। इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।
Deeply grateful for the overwhelming support shown by the global community for India’s membership of the @UN Security Council. India will work with all member countries to promote global peace, security, resilience and equity.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2020
इंडिया एट यूएन, एनवाई ने इस जानकारी को आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिए शेयर किया हैं। जिसमें भारत की इस बड़ी कामयाबी पर टीएस त्रिमूर्ति ने अपने एक वीडियो संदेश के साथ लिखा, “सदस्य देशों ने भारी समर्थन के साथ साल 2021-22 के लिए सुरक्षा परिषद की गैर-स्थाई सीट के लिए भारत का चुनाव किया। भारत को 192 मतों में से 184 मत पड़े।”
Member States elect India to the non-permanent seat of the Security Council for the term 2021-22 with overwhelming support.
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) June 17, 2020
India gets 184 out of the 192 valid votes polled. pic.twitter.com/Vd43CN41cY
बता दें 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। जिसमें भारत को 184 वोट्स मिले हैं। हर साल पाँच अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है।
भारत अब दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शामिल होगा। इसका कार्यकाल 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें पाँच अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य हैं। वहीं एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट, ग्रेनैडिनेस, ट्यूनीशिया और वियतनाम इन 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। इसी क्रम में बेल्जियम, डोमिनिकन रिपब्लिक, जर्मनी, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका का दो साल का कार्यकाल इस साल के अंत में समाप्त हो जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए कराएँ गए चुनाव
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पाँच अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के चयन के लिए विशेष मतदान व्यवस्था के तहत बुधवार को चुनाव शुरू किया था। जिसमें कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते मतदान के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए थे। इस सभा में पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों के बीच से समर्थित उम्मीदवार तुर्की के डिप्लोमेट और पॉलिटिशियन वोलकान बोज़किर को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
यह चुनाव बुधवार सुबह करीब नौ बजे चुनाव आरंभ हुआ। इससे पहले के वर्षों में, चुनाव के दौरान महासभा का हॉल खचाखच भरा होता था। संयुक्त राष्ट्र में राजनयिक, कर्मचारी तथा अन्य अधिकारी महासभा के हॉल में मास्क पहनकर आए और मतदान करने के तुरंत बाद वहाँ से चले गए
कोरोना वायरस को मद्देनजर रखते हुए 193 सदस्य राज्यों द्वारा मतदान के लिए आठ अलग-अलग स्लॉट तय किए गए थे। मतदान सुबह नौ बजे से शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक चला। अतिरिक्त आधे घंटे का समय उन सदस्यों के लिए रखा गया था जो निर्धारित वक्त पर मतदान नहीं कर पाए। भारत को वोट देने लिए 11.30 से 12.00 बजे का समय निर्धारित किया गया था।
जनरल असेम्बली में चुनाव की पूरी प्रक्रिया को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद बंदे (Tijjani Muhammad-Bande) की निगरानी में सम्पन्न हुआ।
अमेरिका ने किया भारत का स्वागत
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थाई सदस्य चुने जाने पर गर्मजोशी से स्वागत किया है। अमेरिका ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की जीत पर हम उन्हें बधाई देते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।
We extend a warm welcome to India&congratulations on India’s successful election to UN Security Council. We look forward to working together on issues of international peace&security-a natural extension of US-India Comprehensive Global Strategic Partnership:US Department of State pic.twitter.com/mz53QVwepg
— ANI (@ANI) June 17, 2020
क्या है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। जिसका उत्तरदायित्व है अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। इसे विश्व का सिपाही भी कहते है क्योंकि वैश्विक शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी इसी के पास में है। अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।