अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक चंदा बटोरने वाले कार्यक्रम में कहा था कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था इसलिए बेहतर कर रही है, क्योंकि हम विदेशियों और अप्रवासियों का स्वागत करते हैं। जबकि चीन, भारत और जापान जैसे देश ऐसा नहीं करते, इसलिए उनकी हालत खराब है। अमेरिका के राष्ट्रपति के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है।
एस जयशंकर ने कहा कि ‘पहली बात तो ये.. कि हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही, जैसा कि आपने दावा किया, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है।’ और दूसरी बात ये कि हम ‘ज़ेनोफोबिक’ नहीं हैं, क्योंकि हम सबका स्वागत करते हैं।
बता दें कि जो बाइडेन ने 1 मई 2024 को अपनी राष्ट्रपति पद पर दोबारा उम्मीदवारी के लिए धन इकट्ठा (चंदा पाने के लिए) करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा था, “आप जानते हैं, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने का एक कारण क्या है — आप और अन्य लोग। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं। क्यों चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह रुका हुआ है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? भारत को क्यों दिक्कत हो रही है? क्योंकि वे अपने देश में अप्रवासी नहीं चाहते।” खास बात ये है कि खुद अमेरिका की हालत खराब है, लेकिन ‘चंदा जमा करते समय कुछ भी बोलने’ की आदत के चलने वो ऐसा दावा कर बैठे थे। इसके बाद अब भारत के विदेश मंत्री ने उन्हें करारा और बेबाकी भरा जवाब दिया है।
एस जयशंकर ने जो कुछ भी कहा, वो पूरी तरह से तथ्यों से भरा है। तथ्यों पर आधारित है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में टॉप-5 में है, जो इस दशक के अंत से पहले ही टॉप-3 में शामिल हो जाएगी। वहीं, वर्ल्ड बैंक, गोल्डमैन सैच्स जैसी एजेंसियों ने पाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही है। इन्हीं तथ्यों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा, “सबसे पहले, हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है।”
‘द इकोनॉमिक्स टाइम्स’ से बातचीत में विदेश मंत्री ने ‘ज़ेनोफ़ोबिया’ शब्द पर भी जोर दिया और कहा, “भारत हमेशा से एक बहुत ही अनोखा देश रहा है… मैं वास्तव में कहूँगा, दुनिया के इतिहास में, यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है… विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।” उन्होंने अपनी बात रखने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का भी उदाहरण दिया, जो पड़ोसी देशों से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाला कानून है।