Thursday, November 7, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमंदिर पर हमले के बाद जस्टिन ट्रूडो की नई चिरकुटई: खालिस्तानियों से सुरक्षा का...

मंदिर पर हमले के बाद जस्टिन ट्रूडो की नई चिरकुटई: खालिस्तानियों से सुरक्षा का भरोसा नहीं दे रहा कनाडा, भारतीय दूतावास को रद्द करने पड़े कई कार्यक्रम

इससे पहले कनाडा में स्थित भारतीय हाई कमीशन ने भी 3 नवम्बर, 2024 को उसके कामकाज में डाली गई बाधा के बारे बताया था। हाई कमीशन ने बताया था कि टोरंटो में हिन्दू सभा मंदिर में आयोजित किए गए एक ऐसे ही कैम्प में हिंसक खालिस्तानियों ने हंगामा किया और हमला किया।

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार खालिस्तानियों के पैरों में लोटते हुए और भी नीचता पर उतर आई है। कनाडा ने भारत के अस्थायी काउंसिलर कैम्प कार्यक्रमों को सुरक्षा देने से मना कर दिया है। यह जानकारी भारत के टोरंटो स्थित वाणिज्य दूतावास ने दी है। यह कैम्प कनाडा में रहने वाले भारतीयों को जीवन प्रमाण पत्र समेत बाकी सुविधाएँ देने के लिए लगाए जाते रहे हैं।

टोरंटो स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास ने एक्स (पहले ट्विटर) पर जानकारी देते हुए लिखा, “सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कम्युनिटी कैम्प आयोजकों को थोड़ी भी सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता जताने के बाद वाणिज्य दूतावास ने पहले से निर्धारित वाणिज्य दूतावास कैम्प को रद्द करने का निर्णय लिया है।”

भारतीय दूतावासों के काम को इससे पहले भी रोका गया है। खालिस्तानी कट्टरपंथी लगातार ऐसे कैम्पों के बाहर हंगामा करते आए हैं और कनाडा की पुलिस उनको सुरक्षा देने के बजाय खालिस्तानियों को ही प्रश्रय दे रही है। इसी कारण से आगामी कार्यक्रम रोकने पड़े हैं।

इससे पहले कनाडा में स्थित भारतीय हाई कमीशन ने भी 3 नवम्बर, 2024 को उसके कामकाज में डाली गई बाधा के बारे बताया था। हाई कमीशन ने बताया था कि टोरंटो में हिन्दू सभा मंदिर में आयोजित किए गए एक ऐसे ही कैम्प में हिंसक खालिस्तानियों ने हंगामा किया और हमला किया।

भारतीय हाई कमीशन ने बताया था कि वह हर साला इस तरह के कैम्प आयोजित करता है और इस बार उसने ऐसी ही योजनाई थी। हाई कमीशन ने बताया कि इसके कनाडा की पुलिस से सुरक्षा भी माँग ली गई थी एल्किन फिर भी टोरंटो में यह हंगामा हुआ। हाई कमीशन ने बताया था कि इससे पहले 2-3 नवंबर को वैंकूवर और सरे में आयोजित कैम्प में भी हंगामा किया गया था।

हाई कमीशन ने बताया था कि वह इन कैम्प जीवन प्रमाण पत्र देता है और इससे हजारों लोग लाभान्वित होते हैं। हाई कमीशन ने बताया था कि उसने हंगामे के दिन भी 1000 अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी किए। उसने कहा है कि आगे वह सुरक्षा ना होने के चलते ऐसी सुविधाएँ नहीं दे पाएगा जिससे भारतीय और कनाडाई, दोनों ही जगह के नागरिकों को असुविधा होगी।

गौरतलब है हिन्दू सभा मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तानियों ने बाद में हिन्दुओं पर हमला भी कर दिया था। उन्होंने मंदिर में आए हुए श्रद्धालुओं पर लाठी डंडे से वार किया था। इस हमले के बाद पुलिस ने खालितानियों पर कार्रवाई करने के बजाय हिन्दुओं को ही मारना पीटना चालू कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की थी। कनाडा इससे पहले भी भारतीय राजनयिकों को लेकर लापरवाह रवैया अपनाता रहा है। आए दिन कनाडा में स्थित भारतीय हाई कमीशन और दूतावास के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शन करते हैं और कई बार हिंसक भी हो जाते हैं, उनके खिलाफ भी कनाडाई प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है।

कनाडा का यह रवैया प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की खीझ को दिखाते हैं। उनके द्वारा भारत पर लगाए निज्जर की हत्या समेत बाकी आरोप धराशायी हो चुके हैं और वह स्वयं कह चुके हैं कि उनके पास इस संबंध में कोई सबूत नहीं है। इसके बाद वह अब भारती राजनयिकों और दूतावासों को निशाना बना रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस हिंदू महिला को गुलामुद्दीन ने बीवी संग मिल काटकर गाड़ दिया, 8 दिन बाद भी उसके शव का न तो पोस्टमार्टम-न अंतिम संस्कार:...

अनीता चौधरी की हत्या के 8 दिन बाद भी अपनी माँगों को लेकर परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं करने दे रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।

वक्फ ट्रिब्यूनल होने का मतलब कोर्ट की कोई औकात होना नहीं: केरल हाई कोर्ट ने कर दिया क्लियर, कहा- सिविल कोर्ट को आदेश लागू...

हाई कोर्ट ने कहा कि वक्फ न्यायाधिकरण होने के बावजूद सिविल कोर्ट को पुराने वक्फ विवादों से संबंधित अपने आदेशों को लागू करने का अधिकार है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -