Sunday, November 17, 2024
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अमेरिका में ‘बाबा का बुलडोजर’ वाली परेड पर IBA का माफी माँगने से इनकार, कहा- भारत में यह अवैध निर्माणों को गिराता है

अमेरिका में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन से जुड़े समाजसेवी जेली थॉमस ने बुलडोजर को लेकर कहा था, "जैसे कभी अमेरिका में अश्वेतों को पेड़ों से बाँधकर मार दिया जाता था और रस्सी अश्वेतों को डराने की प्रतीक बन गई थी, उसी तरह बुलडोजर अल्पसंख्यकों को डराने का प्रतीक है।"

भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर परेड के दौरान अमेरिका के न्यू जर्सी में बुलडोजर शामिल करने वाले इंडियन बिजनेस एसोसिएशन (IBA) ने माफी माँगने से इनकार कर दिया है। एसोसिएशन का कहा कि परेड में बुलडोजर को शामिल करके उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।

टाउनशिप काउंसिल की बैठक में 24 अगस्त 2022 को आईबीए के अध्यक्ष चंद्रकांत पटेल ने कहा कि संगठन ने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए माफी नहीं माँगेगा। पटेल ने कहा, “बुलडोजर केवल सरकारी भूमि (भारत में) पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का काम करता है।” चार घंटे तक चली बैठक में कई स्थानीय लोगों ने इस पर अपनी राय रखी।

टाउनशिप काउंसिल की बैठक में स्थानीय लोगों के साथ भारतीय मुसलमानों और हिंदुओं ने भी भाग लिया (फोटो साभार- MEE)

दरअसल, भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमेरिका के न्यू जर्सी के एडिसन में इंडियन बिजनेस एसोसिएशन ने परेड निकाली थी। इस परेड में संगठन ने बुलडोजर को भी शामिल किया था, जिसका नाम नाम ‘बाबा का बुलडोजर’ (Baba ka Bulldozer) रखा था।

आयोजकों ने बुलडोजर के ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का पोस्टर भी लगाया था। साथ ही उन्होंने सड़कों पर बुलडोजर भी घुमाया।

इस तस्वीर को देखने के बाद इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल भड़क गया। उसने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल IAM काउंसिल से ट्वीट करके बताया कि उसे बुलडोजर देख कितनी परेशानी हुई है।

आईएएम काउंसिल ने लिखा, “आज, न्यू जर्सी के ए़़डिसन में दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने उस बुलडोजर के साथ मार्च किया, जो भारत में मुस्लिमों के घरों और जीवन को तबाह करने के लिए भाजपा सरकार का हथियार बन चुका है।”

इस ट्वीट को देखने के बाद कई अन्य मुस्लिमों ने भी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा था, “भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी ये लोग मुस्लिमों के खिलाफ अपनी घृणा को नहीं छिपा पा रहे।”

वहीं, अमेरिका में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन से जुड़े समाजसेवी जेली थॉमस ने कहा, “जैसे कभी अमेरिका में अश्वेतों को पेड़ों से बाँधकर मार दिया जाता था और रस्सी अश्वेतों को डराने की प्रतीक बन गई थी, उसी तरह बुलडोजर अल्पसंख्यकों को डराने का प्रतीक है।”

अपडेट : इंडियन बिजनेस एसोसिएशन (IBA) ने मुस्लिमों की आहत भावनाओं को देख न्यू जर्सी परेड में बुलडोजर शामिल किए जाने पर खेद जताया है। यह परेड भारत की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर निकाला गया था। शुरुआत में आईबीए ने इसके लिए माफी माँगने से इनकार किया था। लेकिन दबाव बढ़ने पर उसने 30 अगस्त 2022 को खेद जताते हुए विवाद का निपटारा करने की कोशिश की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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