रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। इनमें अंतरिक्ष कार्यक्रम भी शामिल है। अमेरिका के इस कदम से भड़के रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ROSCOSMOS के प्रमुख दिमित्री रोगोज़िन ने गुस्सा जाहिर करते हुए दो टूक लहजे में कहा कि क्या अमेरिका चाहता है कि रूस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को भारत-चीन या फिर य़ूरोपीय यूनियन पर गिरा दे।
दरअसल, 24 फरवरी 2022 को जैसे ही रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया। इसके कुछ घंटों के बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए कहा कि यूएस द्वारा लगाए गए बैन रूस की तकनीकी प्रगति पर नकारात्मक असर डालेंगे औऱ इससे उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम भी प्रभावित होंगे।
बस फिर क्या था अमेरिका की इस हिमाकत के बाद भड़के रोगोजिन ने ट्वीट किया, “ALZ-GEIMER के बैन। बाइडेन ने कहा है कि नए प्रतिबंध रूसी अंतरिक्ष कार्यक्रम को प्रभावित करेंगे। ठीक। चलिए कुछ तथ्य देखते हैं।
“क्या आप रेडिएशन प्रतिरोधी अंतरिक्ष माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक तक हमारी पहुँच को रोकना चाहते हैं? ये तो आप आधिकारिक तौर पर 2014 में पहले ही कर चुके हैं। जैसा आप देख रहे हैं कि हम फिर भी अपना खुद का अंतरिक्ष यान लगातार बना रहे हैं। और हम इसके लिए जरूरी उपकरणों का अपने देश में ही निर्माण करके करेंगे। क्या दुनियाभर के सभी देशों को विश्व के सबसे अधिक विश्वसनीय रूसी रॉकेट पर अपने अंतरिक्ष यानों को लॉन्च करने से रोकना चाहते हैं?”
रोगोजिन ने आगे कहा, “आप पहले से ही ऐसा कर रहे हैं औऱ अब हमारे लॉन्च वेहिकल पर बैन लगाकर 1 जनवरी, 2023 से स्पेस कम्पटीशन के वैश्विक बाजार को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। हम जानते हैं। हम य़हाँ भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। क्या आप ISS पर हमारे सहयोग को खत्म करना चाहते हैं?”
रोगोजिन ने अमेरिका को उसी के अंदाज में जबाव देते हुए कहा कि अगर उस पर बैन लगा दिया गया तो ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) को नियंत्रित औऱ उसे कक्षा से बाहर कौन निकालेगा। क्योंकि उसका कंट्रोल तो रूस के ही पास है।
रूसी स्पेस एजेंसी के प्रमुख रोगोजिन ने अमेरिका को दो टूक कहा कि वो उनके अंतरिक्ष यात्रियों औऱ उसके ट्रेनिंग सेंटर के बीच हो रहे आदान-प्रदान को सीमित कर पहले से ऐसा करता रहा है। रोगोजिन ने बाइडेन से सवाल किया कि क्या वो ISS का कंट्रोल अपने हाथ में लेना चाहते हैं।
रोगोजिन ने कहा कि अगर अमेरिका ISS स्टेशन पर किसी तरह का सहयोग रोकता है तो यह कंट्रोल खोकर अमेरिका या यूरोप में गिरेगा। 500 टन वजनी इस स्ट्रक्चर के भारत औऱ चीन पर भी गिरने की संभावना है। रूस ने चुटकी लेते हुए पूछा कि क्या आप इसके लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि 1998 में इस स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। यह अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान औऱ यूरोपीय यूनियन के सहयोग से चलता है।