यूके में ईरान के एम्बेस्डर मोहसिन बहरवंद को इस्लामी मुल्क ने वापस बुला लिया है। हिजाब विवाद को लेकर उन्हें उनके पद से भी हटा दिया गया है। दरअसल, ईरानी एम्बेसी का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें कुछ महिलाओं को बिना हिजाब के घूमते हुए देखा गया था। यूके स्थित ईरानी एम्बेसी में हुई पार्टी के इस वीडियो के बाद एम्बेस्डर को वापस बुला लिया गया है। सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो वायरल हुए थे। ईरान की सरकार ने इस पर आपत्ति जताई कि महिलाओं से सिर क्यों नहीं ढक रखा था।
उक्त कार्यक्रम ईरानी क्रांति की 43वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसमें एक महिला को एक वायलॉनिस्ट के साथ पियानो बजाते हुए देखा गया था। उक्त महिला ने अपने सिर को नहीं ढक रखा था और हिजाब नहीं पहन रखा था। एक अन्य वीडियो में भी लोगों को परंपरागत रूप से जमा हुए देखा गया, जहाँ कुछ लोग भाषण भी दे रहे थे। इसमें अधिकतर राजनयिक ही शामिल थे। एक ईरानी व्यक्ति ने इसका वीडियो शेयर करते हुए पूछा कि क्या इससे हमारे नागरिकों का कोई फायदा है?
बाद में यूके में रह रहे ईरान के उक्त व्यक्ति ने इस पर ख़ुशी जताई कि उसकी बात को ईरान में सुना गया। उसने लंदन में एक ऐसे एम्बेस्डर को भेजने की बात कही, जो ईरानी जनता के लिए आवाज़ उठाए। जून 2021 में आई इब्राहिम रईसी की सरकार को कट्टर इस्लामी माना जाता है, इसीलिए कुछ सरकारी मीडिया संस्थानों में इस खबर के छपने के बाद कार्रवाई का दबाव था। मोहम्मद जावेद जरीफ के विदेश मंत्रित्व काल में मोहसिन ईरान के लीगल डिपार्टमेंट के हेड हुआ करते थे।
Reportedly Iran’s Ambassador to the UK is fired by Tehran. Mohsen Baharvand was just appointed last July. This video below, circulated in social media shows a recent party in the embassy without Islamic restrictions such as compulsory hijab. pic.twitter.com/cfKRZu7xPX
— Ali Kheradpir (@AliKheradpir) February 25, 2022
ब्रिटिश-ईरान संबंधों के लिए ये एक संवेदनशील समय है। अमेरिका ने ईरान के सामने कई शर्तें रखी हैं, ताकि न्यूक्लियर डील में उसकी वापसी हो सके और इस्लामी मुल्क पर से प्रतिबंध हटाए जा सकें। ईरान की संसद इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर रही है। बता दें कि भारत में भी बुर्का और हिजाब एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कट्टर इस्लामी छात्राएँ स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म की जगह बुर्का पहनना चाहती हैं और इसीलिए इस मामले में उच्च-न्यायालय में भी सुनवाई चल रही है।