Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'अपने लोगों को मारना बंद करो': हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल 2 और युवकों...

‘अपने लोगों को मारना बंद करो’: हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल 2 और युवकों को ईरान ने सूली पर लटकाया, 11 को मिली है जेल की सजा

दोनों प्रदर्शनकारियों को सजा देते हुए न्यायपालिका ने कहा, "मोहम्मद मेहदी करमी और सैयद मोहम्मद हुसैनी, जिन दो लोगों के अपराधों के कारण रुहोल्लाह अजमियाँ शहीद हुए, उन्हें आज फाँसी पर लटका दिया गया है।"

ईरान में दो प्रदर्शनकारियों को शनिवार (7 जनवरी 2023) को सूली पर चढ़ा दिया गया। दोनों युवकों पर आरोप था कि ये महसा अमिनी के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और इस दौरान इनके कारण एक सुरक्षाकर्मी की जान चली गई। ऐसे मामलों में 3 अन्य लोगों को सजा-ए-मौत दी गई है जबकि 11 को जेल की सजा सुनाई गई है।

खबरों के मुताबिक, दोनों प्रदर्शनकारियों पर फैसला देते हुए न्यायपालिका ने कहा, “मोहम्मद मेहदी करमी और सैयद मोहम्मद हुसैनी, जिन दो लोगों के अपराधों के कारण रुहोल्लाह अजमियाँ शहीद हुए, उन्हें आज फाँसी पर लटका दिया गया है।”

इरोपीय यूनियन के शीर्ष राजनयिकों ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने ईरान से कहा कि वो फौरन प्रदर्शनकारियों को सजा-ए-मौत देने पर रोक लगाएँ। ब्रिटिश के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवर्ली ने कहा कि ईरान को फौरन अपने लोगों को सजा-ए-मौत देने पर रोक लगानी चाहिए।

बता दें कि इससे पहले 12 दिसंबर 2022 को हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान 23 साल के एक युवक को फाँसी पर लटकाया गया था। युवक का नाम माजीदरेगा रेहनवर्द था। उसे शहर में सरेआम फाँसी दी गई थी। अंतिम वीडियो में रेहन ने कहा था कि उसकी मौत का मातम नहीं मनाया जाना चाहिए। उसकी मौत के बाद कोई कुरान न पढ़े। वीडियो को ईरानी ह्यूमन राइट एनजीओ के डायरेक्टर महमूद अमीरी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था। वीडियो में रेहनवर्द की आँखों पर पट्टी बँधी थी। दो नकाबपोश गार्डों ने उसे घेर रखा था।

उल्लेखनीय है कि ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन 16 सितंबर को 22 साल की एक लड़की महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए थे। पुलिस ने महसा को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। कस्टडी में उसकी जान चली गई थी। जब ईरान में इस घटना का विरोध शुरू हुआ तो लोगों में डर पैदा करने के लिए नौजवानों को सरेआम फाँसी दी जाने लगी। सबसे पहले मोहसिन शेखरी नाम के प्रदर्शनकारी को सूली पर चढ़ाया गया था। उन्हें रेहनवर्द से भी पहले 8 दिसंबर 2022 को फाँसी दी गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -